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नागरिकता कानून सावरकर के विचारों के खिलाफ : उद्धव ठाकरे

महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे ने कहा है कि नागरिकता संशोधन अधिनियम सावरकर के विचारों के खिलाफ है।

Written by: IndiaTV Hindi Desk
Updated : December 15, 2019 22:35 IST
Uddhav Thackeray
Image Source : TWITTER महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे

मुंबई। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने नये नागरिकता कानून के तहत प्रताड़ित अल्पसंख्यकों को भारत में स्वीकार करने को लेकर अपने पूर्व सहयोगी दल भाजपा पर रविवार को निशाना साधा और कहा कि यह वी डी सावरकर का ‘‘अपमान’’ है जो सिंधु नदी से लेकर कन्याकुमारी तक की भूमि ‘‘एक देश’’ के तहत लाना चाहते थे।

ठाकरे ने राज्य विधानमंडल के शीतकालीन सत्र की पूर्व संध्या पर आयोजित संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि संशोधित नागरिकता अधिनियम जैसे मुद्दे दरअसल ‘‘महिला सुरक्षा, बेरोजगारी और कृषि संकट’’ जैसे असल मुद्दों से ‘‘ध्यान भटकाने’’ के लिये उठाये जा रहे हैं।

उन्होंने कहा कि सीएए हिंदुत्व विचारक वी डी सावरकर के विचारों के खिलाफ है जिन्हें संघ परिवार काफी सम्मान देता है। शिवसेना प्रमुख ठाकरे ने कहा, ‘‘सावरकर ने सिंधु नदी से कन्याकुमारी तक की भूमि एक देश के तहत लाने की मांग की थी। ऐसा करने के बजाय, भाजपा की अगुवाई वाली केंद्र सरकार सावरकर के खिलाफ जाकर प्रताड़ित अल्पसंख्यकों को भारत में स्वीकार कर रही है, जो उनका अपमान है।’’

सिंधु नदी का उद्गम तिब्बती पठार में होता है और यह नदी लद्दाख से होते हुए गिलगित बाल्तिस्तान क्षेत्र हिंदूकुश रेंज और उसके बाद पूरे पाकिस्तान से होते हुए कराची के पास अरब सागर में गिरती है। उन्होंने सवाल किया, ‘‘क्या सीएए विचारधारा पर आधारित है? इसे लेकर हो रही हिंसा का क्या? सीएए सावरकर के विचारों के खिलाफ है, शिवसेना को घेरने की बजाय भाजपा सावरकर के मुद्दे पर आक्रामक क्यों नहीं है, जैसी वह नागरिकता कानून को लेकर है?’’

मुख्यमंत्री ने कहा कि सावरकर को लेकर शिवसेना के रुख में कोई परिवर्तन नहीं आया है। एक दिन पहले शिवसेना ने राहुल गांधी द्वारा सावरकर के खिलाफ टिप्पणी किये जाने पर तीखी प्रतिक्रिया जतायी थी। महाराष्ट्र में सीएए लागू करने के बारे में पूछे जाने पर ठाकरे ने कहा कि यह उच्चतम न्यायालय के फैसले पर निर्भर करेगा।

उन्होंने कहा, ‘‘हम नये कानून की वैधता की जांच पड़ताल कर रहे हैं। कुछ लोगों ने सीएए को उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी है। हम यह पता लगाने का प्रयास कर रहे हैं कि नया कानून संविधान के ढांचे में फिट होता है या नहीं।’’ ठाकरे ने कहा, ‘‘नये कानून पर हमारे सवालों का अभी तक उत्तर नहीं मिला है। हम (सीएए को लागू करना है या नहीं) फैसला अदालत के निर्णय के आधार पर करेंगे।’’

गैर भाजपा शासित राज्यों जैसे केरल, पश्चिम बंगाल और पंजाब ने सीएए लागू करने के खिलाफ निर्णय किया है। सीएए को लेकर ठाकरे की यह टिप्पणी सावरकर को लेकर राहुल गांधी की टिप्पणी को लेकर हंगामे के एक दिन बाद आयी है। दिल्ली में शनिवार को कांग्रेस की एक रैली को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने ‘‘रेप इन इंडिया’’ टिप्पणी को लेकर भाजपा की माफी की मांग खारिज करते हुए कहा था कि उनका नाम राहुल गांधी है, ‘‘राहुल सावरकर’’ नहीं और वह कभी भी सच बोलने के लिए माफी नहीं मांगेंगे।

ठाकरे ने कहा कि भाजपा नीत केंद्र सरकार ने प्रताड़ित अल्पसंख्यकों के नाम पर देश में एक ‘‘भय का माहौल’’ बनाया है जिन्हें नये कानून के तहत भारतीय नागरिकता प्रदान की जाएगी। सरकार ने वास्तवित मुद्दे को दरकिनार कर दिया है। उन्होंने कहा, ‘‘यदि अल्पसंख्यकों को उन पड़ोसी देशों में प्रताड़ित किया जा रहा था तो केंद्र सरकार ने उन देशों से क्यों नहीं पूछा कि उनके खिलाफ तथाकथित अत्याचार क्यों हो रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार लोगों के प्रति जवाबदेह है, न कि भाजपा नीत विपक्ष के प्रति, जिसने रविवार को विधानसभा सत्र की पूर्व संध्या पर रस्मी चाय पार्टी का बहिष्कार किया। एक सवाल पर ठाकरे ने कहा, ‘‘मुम्बई के आरे कालोनी में मेट्रो कार शेड के अलावा किसी भी विकास कार्य पर रोक नहीं लगायी गई है।’’ ठाकरे ने दोहराया कि मुम्बई-नागपुर समृद्धि कॉरिडोर एक्सप्रेसवे का नामकरण शिवसेना के संस्थापक दिवंगत बाल ठाकरे के नाम पर किया जाएगा। राज्य की वित्तीय हालत पर एक सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य की वित्तीय स्थिति का जायजा लेने के बाद तथ्य जनता के सामने रखे जाएंगे। 

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