Tuesday, November 05, 2024
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मध्य प्रदेश: राज्यपाल ने कहा- फ्लोर टेस्ट में बहुमत सिद्ध करो, कमलनाथ बोले- सवाल ही पैदा नहीं होता

मध्य प्रदेश के राज्यपाल लालजी टंडन ने सोमवार को कमलनाथ सरकार से कहा कि वह मंगलवार को सदन में बहुमत साबित करे।

Written by: IndiaTV Hindi Desk
Updated on: March 17, 2020 0:02 IST
मध्य प्रदेश: राज्यपाल ने कहा- फ्लोर टेस्ट में बहुमत सिद्ध करो, कमलनाथ बोले- सवाल ही पैदा नहीं होता- India TV Hindi
Image Source : PTI मध्य प्रदेश: राज्यपाल ने कहा- फ्लोर टेस्ट में बहुमत सिद्ध करो, कमलनाथ बोले- सवाल ही पैदा नहीं होता

भोपाल: मध्य प्रदेश के राज्यपाल लालजी टंडन ने सोमवार को कमलनाथ सरकार से कहा कि वह मंगलवार को सदन में बहुमत साबित करे। लालजी टंडन ने मुख्यमंत्री कमलनाथ को लिखे अपने पत्र में कहा कि 'मेरा आपसे निवेदन है कि संवैधानिक एवं लोकतंत्रीय मान्यताओं का सम्मान करते हुए 17 मार्च तक मध्य प्रदेश विधानसभा में फ्लोर टेस्ट करवाएं और अपना बहुमत सिद्ध करें, अन्यथा यह मान लिया जाएगा कि वास्तव में आपको विधानसभा में बहुमत प्राप्त नहीं है।'

राज्यपाल टंडन ने सीएम कमलनाथ को लिखे अपने पत्र में कहा कि 'मैंने आपसे 16 मार्च को विश्वास मत प्राप्त करने के लिए निवेदन किया था। विधानसभा का सत्र प्रारंभ हुआ, मैंने अपना अभिभाषण पढ़ा लेकिन आपके द्वारा सदन का विश्वास मत हासिल करने की कार्यवाही नहीं की और न ही इस संबंध में कोई प्रयास किया गया।' लालजी टंडन के इस पत्र के बाद सोमवार रात को मुख्यमंत्री कमलनाथ ने उनसे राजभवन में मुलाकात की। कमलनाथ ने राज्यपाल से लगभग आधा घंटे तक मुलाकात की।

राज्यपाल से मुलाकात के बाद सीएम कमलनाथ ने विधानसभा में शक्ति परीक्षण कराने से इंकार करते हुए बहुमत का दावा किया और विपक्ष को उनकी सरकार के खिलाफ सदन में अविश्वास प्रस्ताव लाने की चुनौती दी। राजभवन के बाहर कमलनाथ ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘मैंने राज्यपाल को बजट सत्र के शुरुआती दिन उनके अभिभाषण के लिए धन्यवाद दिया। आज हम बहुमत में हैं इसलिये शक्ति परीक्षण कराने का सवाल पैदा नहीं होता है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘जो यह दावा कर रहे हैं कि हमारे पास बहुमत नहीं है तो उन्हें मेरी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाना चाहिए और शक्ति परीक्षण कराना चाहिए। ’’ बता दें कि भाजपा में शामिल होने वाले पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थक 22 विधायकों ने बगावत कर विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था, जिससे प्रदेश में 15 माह पुरानी कांग्रेस सरकार संकट में आ गई है। 

हालांकि, विधानसभा अध्यक्ष ने छह विधायकों के त्यागपत्र स्वीकार कर लिए हैं जबकि 16 विधायकों के त्यागपत्र पर फिलहाल कोई फैसला नहीं किया है। ऐसे में राज्यपाल लालजी टंडन ने सीएम कमलनाथ से पहले बजट सत्र के पहले दिन अभिभाषण के बाद फ्लोर टेस्ट कराने को कहा था, मगर ऐसा नहीं हुआ। सोमवार को बिना फ्लोर टेस्ट कराए विधानसभा की कार्यवाही स्थगित कर दी गई। 

मध्य प्रदेश में बहुमत साबित करने के लिए फ्लोर टेस्ट कराए जाने का मुद्दा सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। अब कोर्ट इस मामले पर आज सुनवाई करेगा। सोमवार को कमलनाथ सरकार द्वारा फ्लोर टेस्ट न होने पर भाजपा ने इसे लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की। शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि "भाजपा विधायक राज्यपाल के सामने उपस्थित हुए हैं। कांग्रेस बहुमत साबित करने से भाग रही है।"

मध्य प्रदेश विधानसभा मे कुल 230 सीटें हैं। 2 विधायकों के निधन के बाद मौजूदा विधायकों की संख्या 228 है। स्पीकर ने कांग्रेस के 6 बागियों के इस्तीफे मंजूर कर लिए हैं जिसके बाद सदन की वास्तविक संख्या 222 ही रह गई है। ऐसे में बहुमत के लिए 112 वोट चाहिए और बागियों की संख्या निकाल दी जाए तो कांग्रेस के पास अभी 92 विधायक हैं वहीं बीजेपी के पास 107 विधायक हैं। इनके अलावा 4 निर्दलीय विधायक, 2 समाजवादी पार्टी के विधायक और एक बीएसपी की विधायक है। ऐसे में सूबे में बाजी सिंधिया समर्थकों के हाथों में है।

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