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मप्र में आवासहीनों को पट्टा, ढाई लाख रुपये का अनुदान, गेहूं पर 160 रुपये का बोनस मिलेगा: कमलनाथ

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने राज्य के हर आवासहीन को नि:शुल्क पट्टा देने और मकान बनाने के लिए ढाई लाख रुपये का अनुदान के साथ किसानों को गेहूं पर 160 रुपये प्रति कुंटल की दर से बोनस देने का बुधवार को ऐलान किया।

Reported by: IANS
Published on: September 11, 2019 20:48 IST
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kamal nath

झाबुआ: मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने राज्य के हर आवासहीन को नि:शुल्क पट्टा देने और मकान बनाने के लिए ढाई लाख रुपये का अनुदान के साथ किसानों को गेहूं पर 160 रुपये प्रति कुंटल की दर से बोनस देने का बुधवार को ऐलान किया।

आदिवासी बाहुल्य जिले झाबुआ में मुख्यमंत्री आवास मिशन (शहरी) का शुभारम्भ करते हुए मुख्यमंत्री कमलनाथ ने 200 आवासहीनों को पट्टों का वितरण किया। इस मौके पर उन्होंने भाजपा और पूर्ववर्ती राज्य सरकार पर जमकर हमले बोले। उन्होंने कहा, "नई सरकार ने कार्य करने की नई संस्कृति विकसित की है। इसमें जनता को गुमराह करने, दूसरों की आलोचना करने और घोषणाओं की कोई जगह नहीं है। हमारी संस्कृति काम करके दिखाने की संस्कृति है।"

राज्य सरकार की नीतियों का जिक्र करते हुए कमलनाथ ने कहा, "मुख्यमंत्री आवास मिशन (शहरी) योजना से प्रदेश का हर जरूरतमंद व्यक्ति अपने मकान का मालिक होगा। आने वाले दिनों में एक ऐसे मध्यप्रदेश का निर्माण करेंगे, जिसमें किसी को समस्याओं का आवेदन देने की जरूरत न पड़े, उनकी समस्या का समाधान मौके पर ही हो जाए।"

मुख्यमंत्री ने पिछले 15 साल बनाम आठ माह का उल्लेख करते हुए कहा, "हमने काम करने की नियत और नीति को दिखाया है। खाली तिजोरी के बाद भी 19 लाख किसानों की कर्जमाफी की गई। आने वाले समय में हम 37 लाख किसानों का कर्जा माफ करेंगे।" मुख्यमंत्री ने कहा, "मक्का किसानों को 250 रुपये प्रति कुंटल का बोनस दिया गया है। जिन किसानों ने अपना गेहूं बेचा है, उन्हें 160 रुपये प्रति कुंटल बोनस के भुगतान की शुरुआत की जा रही है।"

राज्य सरकार के आठ माह के कामकाज का जिक्र करते हुए कमलनाथ ने कहा, "वचन-पत्र को सामने रखकर हमने अपने काम की शुरुआत की है। गरीब कन्याओं के विवाह या निकाह के लिए दी जाने वाली राशि दोगुना कर उसे 51 हजार रुपये किया। इसी तरह बुजुर्गो और नि:शक्तजन की पेंशन 300 रुपये से बढ़ाकर 600 रुपये मासिक कर दी।"

मुख्यमंत्री ने कहा, "सरकार ने किसानों की स्थिति सुधारने और नौजवानों को रोजगार देने के लिए पहले दिन से काम शुरू किया है। कृषि के क्षेत्र में एक ऐसी क्रांति लाने की शुरुआत कर रहे हैं, जिससे किसानों की आर्थिक स्थिति मजबूत होगी और वे कर्ज लेने से मुक्त होंगे। प्रदेश में नौजवानों को रोजगार मिले, इसके लिए हम निवेशकों का विश्वास लौटा रहे हैं।" उन्होंने कहा, "पिछले 15 वर्ष में बड़ी संख्या में उद्योग बंद हुए हैं। उसका कारण था निवेशकों का मध्यप्रदेश पर विश्वास का न होना, जिसमें अब सुधार आया है और निवेशकों की दिलचस्पी मध्यप्रदेश में बढ़ी है।"

इस मौके पर पर्यटन एवं नर्मदा घाटी विकास मंत्री सुरेंद्र सिंह बघेल, नगरीय विकास एवं आवास मंत्री जयवर्धन सिंह, जनसम्पर्क मंत्री पी़ सी़ शर्मा, पूर्व सांसद कांतिलाल भूरिया और विधायक वालसिंह मेड़ा ने भी अपने विचार रखे।

कार्यक्रम से पहले मुख्यमंत्री का पारंपरिक तरीके से स्वागत किया गया है। उन्हें साफा बांधा गया, आदिवासियों द्वारा पहनी जाने वाली जैकेट और तीर-कमान भेंट किए गए। उन्हें झाबुआ की मुख्य फसल भुट्टे की टोकरी भी भेंट की गई।

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