भोपाल: पिछले चुनाव में हिंदू महासभा से पार्षद बनकर नगर निगम परिषद में पहुंचे गोडसे समर्थक बाबूलाल चौरसिया ने निगम चुनाव से पहले कांग्रेस का हाथ थामा है। भोपाल में एक कार्यक्रम में कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष कमलनाथ ने उन्हें कांग्रेस की सदस्यता दिलाई है। बाबूलाल पहले भी कांग्रेसी थे। बीते चुनाव में टिकट नहीं मिलने पर बगावत कर उन्होंने हिंदू महासभा से पार्षद का चुनाव लड़ा था और जीत भी हासिल की थी।
उनके कांग्रेस में शामिल होने पर भारतीय जनता पार्टी ने सवाल उठाया है। मध्य प्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा, ''गोडसे के पुजारी और कांग्रेस की सवारी, कांग्रेस महात्मा गांधी का प्रयोग नोटों और वोटों के लिए करती है। कांग्रेस की सोच विभाजनकारी है।'' वहीं, आपको बता दें कि कांग्रेस का दामन थामने के बाद उठ रहे सवालों पर बाबूलाल चौरसिया ने सफाई दी है। चौरसिया ने कहा, ''मैं जन्मजात कांग्रेसी हूं। हिन्दू महासभा ने मुझे अंधेरे में रखकर गोडसे की पूजा कराई थी। पिछले 2-3 साल से मैं इनके इस तरह के कार्यक्रम से दूरी बनाकर चल रहा था। मेरे मन में हिन्दू महासभा की विचारधारा समाहित नहीं हो सकी।''
बाबूलाल के बारे में बता दें कि काफी समय से उनके कांग्रेस में शामिल होने को लेकर चर्चा चल रही थी। इससे पहले भी वह कांग्रेस के ही सदस्य थे लेकिन पिछले नगर निगम चुनाव में वार्ड-44 से कांग्रेस की ओर से कांग्रेस नेता शम्मी शर्मा को टिकट दिया गया था। जिस पर बाबूलाल चौरसिया ने बगावत कर कांग्रेस छोड़ दी थी। उन्होंने हिंदू महासभा की सदस्यता लेकर चुनाव लड़ा और जीता था। इस चुनाव में उन्होंने कांग्रेस के शम्मी शर्मा को हराया था।