भोपाल: दुनिया भर में कोरोना वायरस भले ही कहर ढा रहा हो लेकिन मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ के लिए यह राहत लेकर आया है। कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण को ध्यान में रखते हुए विधानसभा की कार्यवाही को 26 मार्च तक स्थगित कर दिया गया। विधानसभा स्पीकर एन. पी. प्रजापति ने अडवाइजरी पढ़ने के दौरान कहा कि जनहित को ध्यान में रखते हुए सदन की कार्यवाही को 26 मार्च तक स्थगित किया जाता है। स्पीकर के फैसले के चलते आज फ्लोर टेस्ट भी नहीं हो पाया और कमलनाथ सरकार पर आया संकट फिलहाल टल गया।
‘फ्लोर टेस्ट पर फैसला स्पीकर करेंगे’
सीएम कमलनाथ ने राज्यपाल से रविवार को आधी रात मिलने के बाद ही कह दिया था कि फ्लोर टेस्ट पर फैसला कुछ देर बाद स्पीकर करेंगे। उसी समय से माना जा रहा था कि सोमवार को फ्लोर टेस्ट होना मुश्किल है। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा था कि उनकी सरकार गिरने वाली नहीं हैं। अपनी ताकत दिखाने के लिए बीजेपी और कांग्रेस की जोर-आजमाइश अभी भी जारी है और दोनों पार्टियां अपने-अपने विधायकों को बचाने में लगी हुई हैं। इस बीच कमलनाथ को 'कोरोना वायरस' के चलते 10 दिन का वक्त मिल गया है, ऐसे में सूबे में किसी नए सियासी ड्रामे की उम्मीद की जा सकती है।
क्या है मध्य प्रदेश विधानसभा का गणित
मध्य प्रदेश विधानसभा मे कुल 230 सीटें हैं। 2 विधायकों के निधन के बाद मौजूदा विधायकों की संख्या 228 है। स्पीकर ने कांग्रेस के 6 बागियों के इस्तीफे मंजूर कर लिए हैं जिसके बाद सदन की वास्तविक संख्या 222 ही रह गई है। ऐसे में बहुमत के लिए 112 वोट चाहिए और बागियों की संख्या निकाल दी जाए तो कांग्रेस के पास अभी 92 विधायक हैं वहीं बीजेपी के पास 107 विधायक हैं। इनके अलावा 4 निर्दलीय विधायक, 2 समाजवादी पार्टी के विधायक और एक बीएसपी की विधायक है। ऐसे में सूबे में बाजी सिंधिया समर्थकों के हाथों में है।