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मध्य प्रदेश: आज फ्लोर टेस्ट पर संशय बरकरार, आधी रात को राज्यपाल से मिले सीएम कमलनाथ

आज कमलनाथ सरकार को बहुमत साबित करना है लेकिन इस पर सस्पेंस पैदा हो गया है। मध्य प्रदेश विधानसभा की तरफ से जारी बजट सत्र के पहले दिन की कार्यसूची में फ्लोर टेस्ट का जिक्र नहीं है।

Reported by: Anurag Amitabh @anuragamitabh
Updated : March 16, 2020 7:38 IST
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मुख्यमंत्री कमलनाथ को उम्मीद है कि जीत उनकी ही होगी। PTI

भोपाल: मध्य प्रदेश में चल रहे राजनीतिक संकट के बीच आज का दिन बेहद अहम है। आज कमलनाथ सरकार को बहुमत साबित करना है लेकिन इस पर सस्पेंस पैदा हो गया है। मध्‍य प्रदेश विधानसभा की तरफ से जारी बजट सत्र के पहले दिन की कार्यसूची में फ्लोर टेस्‍ट का जिक्र नहीं है। रविवार शाम जारी कार्यसूची में सिर्फ राज्यपाल के अभिभाषण की बात कही गई है। इस कंन्फ्यूजन के बाद राज्यपाल लालजी टंडन ने सीएम कमलनाथ को रविवार रात राजभवन बुलाया और फ्लोर टेस्ट आज ही करने को कहा। हालांकि कमलनाथ के बयान से सस्पेंस गहरा गया है।

‘फ्लोर टेस्ट पर फैसला स्पीकर करेंगे’

राज्यपाल से मिलने के बाद जब कमलनाथ बाहर आए तो उन्होंने कहा कि फ्लोर टेस्ट पर फैसला कुछ देर बाद स्पीकर करेंगे। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि उनकी सरकार गिरने वाली नहीं हैं। वहीं अपनी ताकत दिखाने के लिए बीजेपी और कांग्रेस की जोर-आजमाइश भी जारी है। आधी रात को 2 बजे बीजेपी के विधायक हरियाणा के मानेसर से भोपाल पहुंचे और फिर उन्हें भोपाल के होशंगाबाद रोड स्थित आमेर ग्रीन रिसॉर्ट में ले जाया गया। वहीं, कल शाम कांग्रेस के विधायक भी जयपुर से भोपाल पहुंचे और सभी को भोपाल के कोर्टयार्ड मेरियट  होटल ले जाया गया।

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कांग्रेस विधायकों को भोपाल एयरपोर्ट से लाती बस। PTI

‘कमलनाथ बेशर्मी से टिके हुए हैं’
भारतीय जनता पार्टी के एक विधायक ने फ्लोर टेस्ट के सवाल पर कहा कि उनका दल मध्य प्रदेश में सरकार बनाएगा। उन्होंने कहा कि कमलनाथ बहुमत खो चुके हैं और बेशर्मी से टिके हुए हैं। बता दें कि बीजेपी के सारे विधायक रात करीब 2 बजे हरियाणा के मानेसर से दिल्ली होते हुए भोपाल पहुंचे। विधायकों को स्पेशल चार्टर्ड फ्लाइट से भोपाल लाया गया था। इनकी आगवानी करने के नाम पर बीजेपी के दिग्गज नेता पहले से ही एयरपोर्ट पर मौजूद थे हालांकि उनका  असल मकसद फ्लोर टेस्ट से पहले विधायकों सुरक्षित ठिकानों तक पहुंचाना था।

मानेसर जाने के सवाल पर ये बोले विधायक
मानेसर में कुछ दिन गुजारने के बाद प्रदेश वापस लौटे विधायक बीजेपी सरकार बनने की भविष्यवाणी करते रहे। यह पूछे जाने पर कि वे लोग बाहर क्यों गए थे, एक बीजेपी विधायक ने उल्टा सवाल दागा कि बाहर जाने पर प्रतिबंध था क्या। उन्होंने कहा कि हम बाहर से ऊर्जा लाकर प्रदेश को ऊर्जा देना चाहते हैं, इसलिए वहां गए थे। हार्स ट्रेडिंग के सवाल पर एमएलए ने कहा कि ‘हमें कोई भी माई का लाल प्रभावित नहीं कर सकता, कांग्रेस अपने पाप के चलते धराशायी हो रही है।’ विधायक ने कहा कि वह कोरोना की स्कीनिंग के लिए भी तैयार हैं।

बीजेपी नेता बोले, फ्लोर टेस्ट आज ही होगा
बीजेपी के विधायकों ने कहा कि उन्होंने मानेसर में पांच दिन तक आध्यात्मिक चिंतन किया और अब राजनीतिक चिंतन करने के लिए भोपाल पहुंच गए हैं। हालांकि भोपाल में भी विधायकों को उनके घर जाने नहीं दिया गया और एक होटल में रातभर ठहराया गया। बीजेपी के नेता कॉन्फिडेंट हैं और उनका कहना है कि फ्लोर टेस्ट आज ही होगा। उन्होंने कहा कि स्पीकर राज्यपाल के आदेश को ओवररूल नहीं कर सकते। सत्र आगे बढ़ाने के सवाल पर बीजेपी विधायक ने कहा, ‘कांग्रेसी पापी कुछ भी पाप कर सकते हैं।’

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मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने दावा किया है कि कमलनाथ सरकार अल्पमत में है। Facebook

कमलनाथ को उम्मीद, जीत उनकी ही होगी
भले ही बीजेपी के विधायक अपना दम दिखा रहे हों लेकिन मुख्यमंत्री कमलनाथ को उम्मीद है कि जीत उनकी ही होगी। बता दें कि जयपुर से कांग्रेस के विधायक भी भोपाल में जम चुके हैं और कल शाम आगे की रणनीति पर चर्चा करने के लिए कांग्रेस विधायक दल की बैठक भी हुई। कमलनाथ सरकार की कोशिश है कि फ्लोर टेस्ट में देरी हो और वो स्थिति को मैनेज कर सके वहीं बीजेपी जल्द से जल्द बहुमत परीक्षण चाहती है। बता दें कि ज्योतिरादित्य सिंधिया गुट के 22 विधायकों के अलग हो जाने से कांग्रेस संकट में है इसलिए वह डैमेज कंट्रोल के लिए थोड़ा वक्त चाहती है।

क्या है मध्य प्रदेश विधानसभा का गणित
मध्य प्रदेश विधानसभा मे कुल 230 सीटें हैं। 2 विधायकों के निधन के बाद मौजूदा विधायकों की संख्या 228 है। स्पीकर ने कांग्रेस के 6 बागियों के इस्तीफे मंजूर कर लिए हैं जिसके बाद सदन की वास्तविक संख्या 222 ही रह गई है। ऐसे में बहुमत के लिए 112 वोट चाहिए और बागियों की संख्या निकाल दी जाए तो कांग्रेस के पास अभी 92 विधायक हैं वहीं बीजेपी के पास 107 विधायक हैं। इनके अलावा 4 निर्दलीय विधायक, 2 समाजवादी पार्टी के विधायक और एक बीएसपी की विधायक है।

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ज्योतिरादित्य सिंधिया के कांग्रेस से नाता तोड़कर बीजेपी के साथ आने से कमलनाथ सरकार संकट में है। Facebook

सिंधिया समर्थक विधायकों के हाथ में बाजी
यदि सदन में मौजूदा सभी 222 सदस्य मौजूद रहते हैं तो कमलनाथ को सरकार बचाने के लिए 112 विधायकों की ज़रूरत होगी। वहीं, दूसरी तरफ बीजेपी को भी कमलनाथ सरकार गिराने के लिए इतने ही वोट चाहिए। मध्य प्रदेश के इस सियासी ड्रामे में अब क्या होगा, ये इस बात पर निर्भर करता है कि ज्योतिरादित्य सिंधिया खेमे के कांग्रेस विधायक किसे वोट देते हैं। 6 मंत्रियों के इस्तीफे मंजूर होने के बाद सिंधिया खेमे के बचे हुए विधायक ही वोट दे सकेंगे। यदि ये कमलनाथ सरकार के खिलाफ जाते हैं कांग्रेस की सरकार गिरनी तय है।

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