भोपाल/उज्जैन: मध्य प्रदेश की सरकार ने क्षिप्रा नदी के गंदे पानी में श्रद्धालुओं के स्नान के मामले को काफी गंभीरता से लिया है। इस मामले में सरकार ने बड़ी प्रशासनिक कार्रवाई की है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, सूबे की धार्मिक नगरी उज्जैन में शनिश्चरी अमावस्या पर क्षिप्रा नदी में गंदे पानी में श्रद्घालुओं के स्नान करने का मामला सामने आने पर संभागायुक्त (कमिश्नर) और जिलाधिकारी (कलेक्टर) को हटा दिया गया है। मुख्यमंत्री कार्यालय ने इस कार्रवाई के बारे में ट्वीट के जरिए जानकारी दी है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, CMO की ओर से सोमवार को ट्वीट कर बताया गया है कि राज्य के उज्जैन में शनिश्चरी अमावस्या में स्नान की अव्यवस्थाओं पर मुख्यमंत्री कमल नाथ पर सख्त रवैया है। ट्वीट में जानकारी दी गई है कि मुख्य सचिव एस. आर. मोहंती के प्रतिवेदन पर संभागायुक्त एम. बी. ओझा और जिलाधिकारी मनीष सिह को हटा दिया गया है। शनिश्चरी अमावस्या पर हजारों श्रद्घालु उज्जैन की क्षिप्रा नदी में स्नान करने पहुंचे थे, मगर नदी में बहुत कम पानी था और श्रद्घालुओं को कीचड़युक्त पानी में स्नान करना पड़ा था। यह मामला कई मीडिया रिपोर्ट में सामने आया।
https://twitter.com/CMMadhyaPradesh/status/1082157152477696005
मामले के मीडिया में आने के बाद सरकार हरकत में आ गई। संभवत: कमलनाथ के मुख्यमंत्री बनने के बाद यह पहली बड़ी प्रशासनिक कार्रवाई है। इसके जरिए मुख्यमंत्री कमलनाथ ने नौकरशाहों केा संदेश देने की कोशिश की है कि, किसी भी तरह की लापरवाही ओर गड़बड़ी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। वहीं भाजपा इस मसले को मुददा बना पाती उससे पहले ही मुख्यमंत्री ने कार्रवाई कर दी है।