भोपाल: मध्य प्रदेश में आगामी समय में होने चुनाव में कांग्रेस जहां दल-बदल को बड़ा मुद्दा बना रही है, वहीं कांग्रेस छोड़कर भाजपा में गए नेताओं और उनके परिजनों को सफाई तक देना पड़ रही है। राज्य में एक साथ 22 विधायकों के कांग्रेस छोड़ने से कमलनाथ की मार्च में सरकार गिर गई थी। उसके बाद तीन और विधायकों ने कांग्रेस का दामन छोड़कर भाजपा की सदस्यता ली। इन सभी पर कांग्रेस खुले तौर पर बिकाऊ होने का आरोप लगा रही हैं। कांग्रेस की ओर से सोशल मीडिया पर भी अभियान चलाया जा रहा है और भाजपा में जाने वाले नेताओं को कई करोड़ मिलने के आरोप लगाए जा रहे हैं।
कांग्रेस की ओर से चलाए जा रहे अभियान के कारण दल-बदल करने वाले नेताओं और उनके परिजनों को सफाई देनी पड़ रही हैं। कांग्रेस छोड़ने वाले तमाम नेता खुले तौर पर उपेक्षा और क्षेत्र में विकास कार्य न होने का आरोप लगा रहे हैं, सोशल मीडिया पर राज्य सरकार के लोक निर्माण मंत्री सुरेश राठखेड़ा के बेटे का एक कथित वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें वह सफाई दे रहा है कि उसके पिता ने विधायक पद से इस्तीफा किसी लालच में नही दिया।
पिता के मंत्री बनने का जिक्र करते हुए बेटा जीतू इस वीडियो में कह रहा है कि शिवपुरी की पोहरी विधानसभा क्षेत्र को पहली बार यह मौका मिला है जब यहां का व्यक्ति मंत्री बना है। मंत्री पुत्र जीतू राठखेड़ा का यह वीडियो पोहरी विधानसभा क्षेत्र की महादेव घाटी क्षेत्र में युवाओं की एक बैठक के दौरान का बताया जा रहा है। आईएएनएस इस वीडियो की पुष्टि नहीं करता।
गौरतलब है कि पोहरी विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव जीते सिंधिया समर्थक सुरेश राठखेड़ा ने बीते मार्च माह में विधायक पद से इस्तीफा दे दिया था और सिंधिया के साथ भाजपा का दामन थाम लिया था। बाद में सुरेश राठखेड़ा को शिवराज सरकार में पीडब्ल्यूडी राज्य मंत्री बनाया गया है।