भोपाल: मध्यप्रदेश कांग्रेस की गुटबाजी अब चारदीवारी से बाहर सड़क पर आ गई है। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष पद की दौड़ में आपसी रस्साकसी का ही नमूना है कि कमलनाथ सरकार के वन मंत्री दिग्विजय को ब्लैकमेलर कहते हैं तो इसी सरकार के कानून मंत्री वन मंत्री के बयान को पीसीसी चीफ बनने का सुर्खियों वाला फॉर्मूला बताते हैं। ऐसे में कमलनाथ, ज्योतिरादित्य सिंधिया और दिग्विजय सिंह की गुटबाजी मध्यप्रदेश में कांग्रेस को कमजोर करती नजर आ रही है।
मध्यप्रदेश कांग्रेस पर मंडराया सियासी बवंडर तीन चक्रव्यू कमलनाथ, दिग्विजय सिंह और ज्योतिरादित्य सिंधिया में जैसे उलझा गया है। वो भी उस दौर में जब 15 साल बाद मिली सत्ता के महज़ 8 महीने ही हुए हैं और जोर-आजमाइश हो रही है प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के लिए। ऐसे में कमलनाथ सरकार के वन मंत्री प्रदेश के कद्दावर आदिवासी नेता उमंग सिंघार को जब लगा कि वह पीसीसी चीफ की रेस में पिछड़े नजर आ रहे हैं तो उन्होंने दिग्विजय सिंह पर आग उगलना शुरू कर दिया। उन्होंने दिग्विजय को ब्लैकमेलर से लेकर और शराब का कारोबारी तक बता दिया।
कांग्रेस की आपसी गुटबाजी सामने आते ही मध्य प्रदेश कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी दीपक बावरिया को सामने आना पड़ा और अनुशासन में रहने की हिदायत देनी पड़ी। लेकिन अब भी कमलनाथ सरकार के ही कानून मंत्री पीसी शर्मा दिग्विजय के बचाव में उतरकर कह रहे हैं कि उमंग सिंघार पीसीसी चीफ बनना के चलते जानबूझकर दिग्विजय सिंह पर निशाना साध रहे हैं।
हालांकि सूबे के मुखिया कमलनाथ की मंगलवार को सीएम हाउस में लगी क्लास के बाद वन मंत्री उमंग सिंघार अब कुछ नरम पड़ते दिखाई दिए। ऐसे में प्रदेश अध्यक्ष पद के लिए अपनी दावेदारी जता रहे ज्योतिरादित्य सिंधिया सामने आए और उमंग सिंघार द्वारा दिग्विजय सिंह के पर्दे के पीछे से सरकार चलाए जाने के बयान का समर्थन किया कमलनाथ को सलाह दे डाली। सिंधिय ने कहा कि सरकार को अपने दम पर करना चाहिए और किसी का भी हस्तक्षेप नहीं होना चाहिए।
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वैसे बीजेपी भी कांग्रेस के आपसी जलती ज्वाला में जमकर घी डाल रही है। बीजेपी का कहना है कि चूंकि वन मंत्री उमंग सिंघार एक आदिवासी नेता हैं इसलिए राजा महाराजा की पार्टी उनकी सच की आवाज को दबा रहे है।
बहरहाल कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष की गुत्थी सोनिया गांधी के बनने के बाद सुलझ गई हो लेकिन पेंच मध्यप्रदेश के प्रदेश अध्यक्ष को लेकर ऐसा उलझ गया है कि 8 महीने पुरानी कांग्रेस सरकार और संगठन की तमाम गुटबाजी और आपसी झगड़े अब बंद कमरों से बाहर सड़कों पर दिखाई देने लगे हैं ऐसे में कांग्रेस अपने ही दामन को दागदार कर रही है।