मध्यप्रदेश में बीते 5 दिनों से जारी शह और मात के खेल के बीच कांग्रेस ने नाराज विधायकों को साधना की रणनीति पर काम शुरू कर दिया है। असंतुष्ट को साधने के लिए मुख्यमंत्री कमलनाथ जल्दी मंत्रिमंडल विस्तार कर सकते हैं। सूत्रों की माने शुक्रवार को अनौपचारिक कैबिनेट बैठक में तमाम मंत्रियों ने इस्तीफे की पेशकश के साथ सीएम कमलनाथ को नाराज विधायकों को मंत्री बनाने के फार्मूले पर काम करने का फ्री हेंड दे दिया है। वही नाराज विधायक सुरेंद्र सिंह शेरा मानते हैं कि जल्दी उन्हें मंत्रिमंडल में शामिल कर लिया जाएगा।
मध्यप्रदेश में भले ही हालात सामान्य दिखाई दे रहे हो लेकिन सियासी संकट अभी टला नहीं है। मुख्यमंत्री कमलनाथ लगातार मंत्रियों के साथ बैठक कर संकट से निपटने की रणनीति बना रहे हैं। कमलनाथ ने संकटमोचक कहे जाने वाले दिग्विजय सिंह को भी उनके दौरे रद्द कराकर वापस भोपाल बुलाया और सूत्रों की माने तो दिग्विजय कमलनाथ ने मंत्रिमंडल में नाराज विधायकों को जगह देने का फार्मूला भी तैयार कर लिया है।दिग्विजय सिंह ने इंडिया टीवी से कहा कि मुख्यमंत्री का आदेश हुई इसलिए मैं भोपाल आया हूँ और मंत्रिमंडल का विस्तार विधानसभा सत्र तक होना चाहिए।
असंतुष्ट को साधने के फार्मूले के तहत कमलनाथ दिग्विजय सिंह खेमे के भरोसेमंद मंत्रियों से इस्तीफे लिए जा सकते हैं और नाराज विधायकों को मंत्री भी बनाया जा सकता है। बताया जा रहा है सभी विधायकों से कमलनाथ दिग्विजय सिंह ने बात भी की है। माना जा रहा है कि मंत्रिमंडल विस्तार बजट सत्र के बाद किया जा सकता है और 5 छह जूनियर मंत्रियों के इस्तीफे लेकर पार्टी के वरिष्ठ सपा बसपा और निर्दलीयों की ताजपोशी की जा सकती है।
मंत्रिमंडल में शामिल होने की खबर मिलते ही बीते 4 दिनों से गायब और बेंगलुरु में डेरा डाले निर्दलीय विधायक सुरेंद्र सिंह शेरा भोपाल पहुंचे, पहुंचते ही साथ मुख्यमंत्री कमलनाथ से मिले उत्साहित भी दिखाई दिए मीडिया से कहा जल्दी मंत्री बनेंगे।
वही निर्दलीय ने सपा बसपा विधायकों को मंत्री बनाए जाने की कवायद में कमलनाथ और दिग्विजय समर्थक मंत्रियों को अपने पद से हाथ धोना पड़ सकता है। हालांकि दिग्विजय सिंह समर्थक जनसंपर्क मंत्री पीसी शर्मा मानते हैं की शुक्रवार को हुई अनौपचारिक कैबिनेट की बैठक में सभी मंत्रियों ने मुख्यमंत्री को सारे अधिकार दे दिए हैं।
कांग्रेस विधायकों समेत निर्दलीय और सपा, बसपा विधायकों को बंधक बनाने का आरोप झेलने वाली भाजपा के पूर्व मंत्री विश्वास सारंग को कांग्रेसका विधायकों को मंत्रिमंडल में शामिल करने का यह कदम लॉलीपॉप देकर अपनी तरफ साधना नज़र आ रहा है।
दरअसल कांग्रेस के विधायक हरदीप सिंह डंक के इस्तीफे के सोशल मीडिया में वायरल होने के बाद मुख्यमंत्री कमलनाथ ने मोर्चा संभाला हो डैमेज कंट्रोल में जुट गए। बेंगलुरु में बीते 5 दिनों से लापता कांग्रेस और निर्दलीय विधायक से संपर्क की कोशिश भी की गई और एक निर्दलीय विधायक के साथ कांग्रेस की राजनीति में चाणक्य कहे जाने वाले दिग्विजय सिंह को भी भोपाल वापस बुला लिया गया। लेकिन सत्ता की लालच में पड़े इन विधायकों को सत्ता की यह लॉलीपॉप कितने दिनों तक कांग्रेस में रख पाएगी यह बड़ा सवाल है।