भोपाल: मध्य प्रदेश में भारी सुरक्षा इंतजाम के बीच 2 विधानसभा सीटों के उपचुनाव के लिए शनिवार को भारी मतदान दर्ज किया गया है। कोलारस में 72.82 प्रतिशत और मुंगावली में 77.35 प्रतिशत मतदान हुआ। दोनों विधानसभा क्षेत्रों का औसत मतदान 75 फीसदी रहा है। मतदान के दौरान कई स्थानों पर विवाद भी हुआ, साथ ही VVPAT तथा EVM में तकनीकी गड़बड़ी भी देखने को मिली। वहीं मुंगावली के थाना प्रभारी कुशल सिंह भदौरिया को चुनाव आयोग ने हटाने के आदेश दिए।
मुख्य निर्वाचन अधिकारी से मिली जानकारी के अनुसार, मतदान को लेकर मतदाताओं में बड़ा उत्साह रहा। दोनों विधानसभा क्षेत्रों में बड़ी संख्या में सुरक्षा बल तैनात किए गए थे। वहीं कुछ स्थानों से कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी (BJP) के कार्यकर्ताओं के बीच विवाद की खबरें भी मिलीं। मुंगावली थाना प्रभारी कुशल सिंह भदौरिया को हटा दिया गया। निर्वाचन आयोग के अनुसार, शिवपुरी जिले की कोलारस और अशोकनगर जिले की मुंगावली सीटों के उपचुनाव के लिए मतदान सुबह 8 बजे से शुरू हुआ, जो शाम 5 बजे तक चला। उसके बाद भी कतार में लगे मतदाता अपने मताधिकार का इस्तेमाल कर रहे हैं, जिससे मतदान के प्रतिशत में बदलाव की संभावना बनी हुई है।
शिवपुरी के कोलारस में मुख्य मुकाबला कांग्रेस के महेंद्र यादव और BJP के देवेंद्र जैन के बीच है, तो अशोकनगर के मुंगावली में मुकाबला कांग्रेस के बृजेंद्र यादव और BJP की बाई साहब के बीच है। इन दोनों विधानसभा क्षेत्रों से कांग्रेस के विधायक थे, जिनके निधन के कारण यहां उपचुनाव हो रहे हैं। आधिकारिक तौर पर दी गई जानकारी के अनुसार, सुबह से मतदान की रफ्तार तेज रही। मतदान केंद्रों पर मतदाताओं की कतारें लगी हुई थी। सुबह 10 बजे तक जहां कोलारस में 16 और मुंगावली में 17 प्रतिशत मतदान हुआ। वह साढ़े 11 बजे तक बढ़कर 25 और 30 प्रतिशत पर पहुंच गया। दोपहर एक बजे तक कोलारस में 44 और मुंगावली में 47 प्रतिशत वोट पड़ चुके थे। शाम 3 बजे तक कोलारस में 59 और मुंगावली में 69 फीसदी मतदान हुआ थी।
इसके अलावा कोलारस में 15 और मुंगावली में 17 VVPAT मशीनें बदलनी पड़ीं। मतदान के दौरान कोलारस विधानसभा क्षेत्र के एक गांव में कांग्रेस व BJP कार्यकर्ताओं के बीच झड़प हो गई। मौके पर मौजूद सुरक्षा बलों ने स्थिति को संभाला। इसी तरह मतदान क्रमांक 56 में भी विवाद की खबर मिली। चुनाव आयोग के निर्देश पर मुंगावली के थाना प्रभारी कुशल सिंह भदौरिया को हटा दिया गया। उनके स्थान पर रिशेश्वर सिंह को पदस्थ किया गया।