मैहर। मध्यप्रदेश के मैहर से भाजपा विधायक नारायण त्रिपाठी अपनी ही पार्टी द्वारा लाए गए नागरिकता संशोधन कानून का खुलकर विरोध किया है। नारायण त्रिपाठी ने कहा मैं गांव से हूं और गांव की परिस्थितियां देखकर ही बात कर रहा हूं। उन्होंने कहा कि सबसे पहली बात यह है या तो हम बाबा साहब अंबेडकर द्वारा लाए गए संविधान का सम्मान करें या उसे फाड़ कर फेंक दें।
उन्होंने कहा कि बाबा साहब अंबेडकर के संविधान में बोला गया है धर्म के आधार पर भारत में बटवारा संभव नहीं है। इसके बाद भी धर्म के आधार पर बंटवारा किया जा रहा है। दो स्थितियां हैं या तो आप संविधान के साथ में या संविधान के खिलाफ हैं।
नारायण त्रिपाठी ने कहा कि गांव में आज भी गरीब आदमी आधार कार्ड के लिए भटकता रहता है साथ ही शहर का गरीब आदमी भी आधार कार्ड कैसे बनवाएं इससे परेशान रहता है जानकारी के आभाव में। इतने कागज इकट्ठा करके नागरिकता के कागज बनवाना भी असंभव काम है। आज हमारे देश में गृह कलह की स्थिति या बन चुकी है लोगों ने एक दूसरे की तरफ देखना बंद कर दिया है।
उन्होंने आगे कहा कि मैं एक छोटे गांव से आता हूं, अभी तक लोग पंडित जी पाय लागी कर रहे थे लेकिन अब मुस्लिम समाज हमसे बात भी नहीं कर रहा है। जिस देश में जिस घर में, जिस मोहल्ले में, जिस प्रदेश में, गृह क्लेश हो जाएगा, उस घर में देश में प्रदेश में सुख शांति संभव नही है। हम वासुदेव कुटुंबकम की बात करते हैं लेकिन अगर धर्म के नाम पर बंटवारा करेंगे तो ये देश नहीं चल पाएगा।
यह पहली बार नहीं है जब नारायण त्रिपाठी भाजपा के खिलाफ खुलकर आए हैं। 2019 में वर्षा कालीन सत्र के दौरान कमलनाथ सरकार द्वारा लाए गए एक विधेयक के पक्ष में उन्होंने मतदान कर क्रॉस वोटिंग की थी। तब उन्होंने कमलनाथ सरकार के समर्थन की वजह बताया था कि कमलनाथ के विचारों से प्रभावित हूं। हालांकि बाद में फिर से पार्टी में लौट आए। लेकिन एक बार फिर उनके बदले हुए तेवर से भाजपा की मुश्किलें बढ़ सकती है।