Saturday, December 21, 2024
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उत्तराखंड भाजपा को मिला नया अध्यक्ष, जेपी नड्डा ने की मदन कौशिक की नियुक्ति

उत्तराखंड में आज नए मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत अपने मंत्रीमंडल का विस्तार करने जा रहे हैं और संभावना है कि मदन कौशिक से पहले प्रदेश भाजपा अध्यक्ष रहे बंशीधर भगत को मंत्रीमंडल में शामिल किया जा सकता है।

Written by: IndiaTV Hindi Desk
Updated : March 12, 2021 12:22 IST
उत्तराखंड में मदन...
Image Source : TWITTER @MADANKAUSHIKBJP उत्तराखंड में मदन कौशिक को भारतीय जनता पार्टी ने प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किया है

नई दिल्ली। उत्तराखंड में भारतीय जनता पार्टी ने संगठन में परिवर्तन किया है। भारतीय जनता पार्टी ने प्रदेश में विधायक मदन कौशिक को नया प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किया है। भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा ने मदन कौशिक की नियुक्ति पर मुहर लगा दी है और उन्हें तुरंत प्रभाव से उत्तराखंड प्रदेश भाजपा का अध्यक्ष बनाया है। 

उत्तराखंड में आज नए मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत अपने मंत्रीमंडल का विस्तार करने जा रहे हैं और संभावना है कि मदन कौशिक से पहले प्रदेश भाजपा अध्यक्ष रहे बंशीधर भगत को मंत्रीमंडल में शामिल किया जा सकता है। अब यह संभावना और भी मजबूत हो गई है क्योंकि बंशीधर भगत की जगह मदन कौशिक को प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त कर दिया गया है। 

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत शुक्रवार को अपने मंत्रिमंडल का विस्तार कर सकते हैं। बुधवार शाम रावत ने राजभवन में अकेले ही शपथ ली थी। पार्टी सूत्रों का कहना है कि रावत के सामने मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर दो बड़ी चुनौतियां हैं। पहली चुनौती कांग्रेस छोड़कर भाजपा में आए उन विधायकों को लेकर है जो त्रिवेंद्र सिंह रावत मंत्रिमंडल में महत्वपूर्ण मंत्रालयों को संभाल रहे थे। इनमें सतपाल महाराज, हरक सिंह रावत, यशपाल आर्य, सुबोध उनियाल और रेखा आर्य शामिल थे। 

मुख्यमंत्री के सामने दूसरी बड़ी चुनौती कुमाउं और गढवाल के बीच सामंजस्य और क्षेत्रीय संतुलन बनाने की है। पूर्ववर्ती मंत्रिमंडल में त्रिवेंद्र सिंह रावत के अलावा भाजपा के केवल तीन विधायकों को ही जगह मिल पाई थी जिनमें मदन कौशिक, अरविंद पांडे तथा धनसिंह रावत शामिल थे। कौशिक और पांडे जहां कैबिनेट मंत्री थे वहीं धन सिंह को राज्यमंत्री के रूप में जगह दी गयी थी। 

वर्ष 2017 के विधानसभा चुनावों में प्रदेश की 70 में से 57 सीटों पर जीत हासिल करके जबरदस्त बहुमत से सत्ता में आई भाजपा सरकार की कमान संभालते समय त्रिवेंद्र सिंह रावत ने अपने मंत्रिमंडल में अपने अलावा केवल नौ मंत्रियों को ही शामिल किया था। प्रदेश मंत्रिमंडल में अधिकतम 12 सदस्य हो सकते हैं लेकिन त्रिवेंद्र सिंह मंत्रिमंडल में दो पद खाली छोड़ दिए गए। जून 2019 में प्रदेश के वित्त और आबकारी मंत्री प्रकाश पंत का निधन हो गया जिसके बाद रिक्त मंत्री पदों की संख्या तीन हो गई। 

हालांकि, बार—बार चर्चाओं के बाद भी ये पद कभी भरे नहीं गए और जानकारों का कहना है कि इसे लेकर विधायकों की नाराजगी भी त्रिवेंद्र सिंह रावत के सत्ता से बाहर होने का एक प्रमुख कारण रही। वर्ष 2016 में तत्कालीन मुख्यमंत्री हरीश रावत के खिलाफ हुई बगावत के बाद कांग्रेस छोड़कर भाजपा का दामन थामने वाले 10 विधायकों में से नौ को पार्टी का टिकट मिला जिनमें से दो को छोड़कर सभी चुनाव जीते। एक अन्य विधायक अमृता रावत की जगह उनके पति सतपाल महाराज को वर्तमान मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत का टिकट काटकर चौबटटाखाल से चुनावी समर में उतारा गया जहां से वह जीत भी गए। 

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