नयी दिल्ली: शिवसेना ने मंगलवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए ‘‘भगवान राम कानून से बड़े नहीं हैं’’ क्योंकि उन्होंने कहा है कि उनकी सरकार राम मंदिर निर्माण के लिए किसी अध्यादेश पर निर्णय न्यायिक प्रक्रिया समाप्त होने के बाद ही करेगी। शिवसेना भाजपा की सहयोगी पार्टी है और उसने अयोध्या में मंदिर निर्माण का मार्ग प्रशस्त करने के लिए अध्यादेश लाने की मांग की है। उसने दलील दी है कि मामला दशकों से अदालतों में चल रहा है।
शिवसेना नेता संजय राउत ने ट्वीट किया, ‘‘उच्चतम न्यायालय ने कहा है कि राम मंदिर तत्काल (सुनवाई वाला) मामला नहीं है। मोदी ने भी कुछ अलग नहीं कहा। मैं उन्हें मामले पर अपना रुख स्पष्ट करने के लिए बधाई देता हूं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘...(प्रधानमंत्री कहते हैं) राम मंदिर के लिए कोई अध्यादेश नहीं लाएंगे। इसका संवैधानिक अर्थ यह है कि भगवान राम कानून से बड़े नहीं हैं।’’
उल्लेखनीय है कि विभिन्न टेलीविजन चैनलों द्वारा प्रसारित एक साक्षात्कार में मोदी से अयोध्या में राम मंदिर के लिए अध्यादेश लाने के विभिन्न हिंदुत्व समूहों की मांग के बारे में सवाल किया गया। इस पर मोदी ने कहा कि न्यायिक प्रक्रिया समाप्त होने दीजिये। न्यायिक प्रक्रिया समाप्त होने पर एक सरकार के तौर पर जो भी हमारी जिम्मेदारी होगी, हम सभी प्रयास करने को तैयार हैं।
ज्ञातव्य है कि शिवसेना ने राममंदिर मुद्दे को लेकर अपना रुख कड़ा कर लिया है। शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने गत महीने महाराष्ट्र के सोलापुर जिले में एक रैली में भाजपा के सहयोगी दलों से राम मंदिर मुद्दे पर अपना रुख स्पष्ट करने के लिए कहा था।