नई दिल्ली: संसद ने बुधवार को तीन प्रमुख श्रम सुधार विधेयकों को मंजूरी दे दी, जिनके तहत कंपनियों को बंद करने की बाधाएं खत्म होंगी और अधिकतम 300 कर्मचारियों वाली कंपनियों को सरकार की इजाजत के बिना कर्मचारियों को हटाने की अनुमति होगी। राज्यसभा ने बुधवार को उपजीविकाजन्य सुरक्षा, स्वास्थ्य और कार्यदशा संहिता 2020, औद्योगिक संबंध संहिता 2020 और सामाजिक सुरक्षा संहिता 2020 को चर्चा के बाद ध्वनिमत से पारित कर दिया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इन सुधारों के संसद से पास होने पर प्रसन्नता जाहिर की है।
‘इन सुधारों की लंबे समय से जरूरत थी’
मोदी ने ट्वीट कर कहा, ‘लंबे समय से जिनकी जरूरत थी वे श्रम सुधार संसद द्वारा पारित कर दिए गए हैं। ये सुधार हमारे परिश्रमी श्रमिकों की भलाई सुनिश्चित करेंगे और आर्थिक विकास को बढ़ावा देंगे। ये 'मिनिमम गवर्नमेंट, मैक्सिमम गवर्नेंस' का शानदार उदाहरण है।’ अगले ट्वीट कर कहा, ‘ये श्रम सुधार ईज ऑफ डूइंग बिजनेस (व्यापार में आसानी) सुनिश्चित करेंगे। ये लालफीताशाही और इंस्पेक्टर राज को कम करके उद्यमों को सशक्त बनाने के लिए भविष्य के विधान हैं। इन सुधारों से श्रमिकों और उद्योगों दोनों की बेहतरी के लिए प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल किया जा सकेगा।’
‘सुधारों से आर्थिक विकास की रफ्तार बढ़ेगी’
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक अन्य ट्वीट में कहा, ‘नया श्रम कोड न्यूनतम मजदूरी को यूनिवर्सल बनाता है और समय पर भुगतान सुनिश्चित करने के साथ-साथ श्रमिकों की व्यावसायिक सुरक्षा को प्राथमिकता देता है। ये सुधार कार्य का बेहतर माहौल बनाने में योगदान देंगे, जिससे आर्थिक विकास की रफ्तार बढ़ेगी।’