नई दिल्ली: ललित मोदी प्रकरण और व्यापमं घोटाला मामले में सुषमा स्वराज, वसुंधरा राजे और शिवराज सिंह चौहान के इस्तीफे की मांग पर विपक्ष के भारी हंगामे के कारण दो बार के स्थगन के बाद लोकसभा की कार्यवाही भोजनावकाश के बाद दिनभर के लिए स्थगित कर दी गई।
दो बार के स्थगन के बाद सदन की बैठक दोपहर दो बजे शुरू होने पर भी विपक्ष का हंगामा जारी रहा रहा।
उपाध्यक्ष एम थंबीदुरै ने सदस्यों से नियम 377 के तहत अपने विशेष उल्लेख सदन के पटल पर पेश करने को कहा और इसके तुरंत बाद कांग्रेस , वाम, राजद और टीआरएस के सदस्य अपनी अपनी मांगों को लेकर आसन के समक्ष आकर नारेबाजी करने लगे।
सदन में व्यवस्था बनते नहीं देख उपाध्यक्ष ने कुछ ही मिनट में कार्यवाही सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी।
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इससे पहले आज सुबह सदन की कार्यवाही शुरू होने पर अध्यक्ष ने कुछ स्थानों पर प्राकृतिक आपदाओं तथा देश एवं दुनिया के कुछ हिस्सों में आतंकी घटनाओं का जिक्र किया एवं सदस्यों ने कुछ पल मौन रखकर शोक संतप्त परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की।
इसके बाद अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही शुरू करने को कहा। तब सदन में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जन खडगे कुछ कहने के लिए उठे। लेकिन भाजपा सदस्यों ने इस पर आपत्ति व्यक्त की।
अध्यक्ष ने कहा कि उन्हें एन के प्रेमचंद्रन, मल्लिकार्जुन खडगे, सौगत राय, धर्मेन्द्र यादव, जयप्रकाश नारायण यादव, वीरप्पा मोइली, मोहम्मद सलीम आदि के कार्यस्थगन प्रस्ताव के नोटिस मिले हैं। विषय महत्वपूर्ण है लेकिन इस पर सदन की कार्यवाही स्थागित नहीं की जा सकती है। इसलिए वह उन्हें नामंजूर करती हैं।
इस पर कांग्रेस सदस्य अपने हाथों में तख्तियां लेकर ललित मोदी प्रकरण को उठाते हुए अध्यक्ष के आसन के समीप आकर नारेबाजी करने लगे। कांग्रेस सदस्यों की तख्तियों पर लिखा था, ललित मोदी पर क्यों मौनासान, जब बड़े मोदी मेहरबान, तो छोटे मोदी पहलवान।
इस दौरान टीआएस सदस्य अपने हाथांे मंे तख्तियां लेकर तेलंगाना में उच्च न्यायालय स्थापित करने की मांग करते हुए आसन के समीप आकर नारेबाजी करने लगे।
सदन में व्यवस्था नहीं बनते देख अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने कार्यवाही 12 बजे तक स्थगित कर दी।