नयी दिल्ली: दिल्ली में सांप्रदायिक हिंसा के मुद्दे पर जल्दी चर्चा कराने की मांग कर रहे विपक्षी दलों के सदस्यों के हंगामे के बाद संसद के निचले सदन लोकसभा को दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया। वहीं राज्यसभा की बैठक शुरू होने के कुछ ही देर बाद दिन भर के लिए स्थगित कर दी गयी।
सभापति एम वेंकैया नायडू ने जरूरी दस्तावेज सदन के पटल पर रखवाने के बाद घोषणा की कि उन्हें 267 के तहत कुछ नोटिस मिले हैं और वह इस संबंध में विभिन्न दलों के नेताओं के साथ मिलेंगे और तय करेंगे कि किस नियम के तहत इस मुद्दे पर चर्चा हो।
उन्होंने होली के बाद इस पर चर्चा कराने की बात की। इसके बाद कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस सहित विभिन्न विपक्षी दलों के सदस्यों ने हंगामा शुरू कर दिया। तृणमूल के कुछ सदस्य आसन के पास भी आ गए।
नायडू ने हंगामा कर रहे सदस्यों से शांत रहने और सदन चलने देने की अपील की। लेकिन सदस्यों का हंगामा जारी रहा। उन्होंने कहा कि शून्यकाल के तहत कुल 16 मुद्दे स्वीकार किए गए हैं जिनमें कोरोना वायरस जैसे अहम मुद्दे भी हैं।
उन्होंने कहा कि ऐसा लगता है कि कुछ सदस्य नहीं चाहते कि सदन की कार्यवाही सुचारू रूप से चले। इसके बाद उन्होंने 11 बजकर करीब 10 मिनट पर बैठक पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी। इससे पहले सदन ने अपने पूर्व सदस्य भद्रेश्वर बरगोंहाइ को श्रद्धांजलि दी। उनका पिछले दिनों निधन हो गया था।