नयी दिल्ली: लोकसभा में मंगलवार को शिरोमणि अकाली दल की सदस्य हरसिमरत कौर बादल ने तीन नये कृषि कानून तथा भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) द्वारा किसानों से खरीद पर भूमि रिकार्ड संबंधी शर्तों का मुद्दा उठाते हुए केंद्र सरकार पर संघीय ढांचे और राज्यों के अधिकार क्षेत्र में हस्तक्षेप करने का आरोप लगाया । हरसिरत ने प्रश्नकाल के दौरान पूरक प्रश्न पूछते हुए कहा कहा कि सरकार कहती है कि उसने एक विकल्प (तीन कृषि कानूनों के जरिये) दिया है लेकिन इस विकल्प के विरोध में किसान पिछले चार महीने से अधिक समय से धरने पर बैठे हुए हैं ।
उन्होंने यह भी दावा किया कि एफसीआई द्वारा खरीद में भूमि का रिकार्ड होने की बात कही गई है। उन्होंने सवाल किया कि जिस राज्य (पंजाब) में 40 प्रतिशत किसान भूमिहीन हो, वे कहां जायेंगे ? उन्होंने कहा, ‘‘हमारे राज्य में एपीएमसी कानून में किसानों को अधिकार दिया गया है लेकिन केंद्र सरकार संघीय ढांचे और राज्यों के अधिकार क्षेत्र में हस्तक्षेप कर रही है ।’’ इस पर उपभोक्ता मामलों के मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि सदस्य (हरसिमरत कौर) अभी तक उनके साथ मंत्रिमंडल में थीं और इन विषयों को स्वीकार कर काम कर रही थीं। उन्होंने कहा कि इस देश की जनता ने संकल्प लिया है कि पारदर्शिता के साथ काम हो। इस संकल्प के अनुरूप ही पूरे देश में पारदर्शी ढंग से एफसीआई के जरिये खरीद चल रही है।
गोयल ने कहा, ‘‘ मात्र एक राज्य (पंजाब) है (जो कहता है) कि किसानों को पूरा मूल्य नहीं देंगे। सवाल यह है कि इसका क्या हेतु है ? क्यों वे किसानों का पैसा हड़पना चाहते हैं ? ’’ मंत्री ने अकाली दल की सांसद से कहा कि वह इस बारे में राज्य सरकार से पूछे । उन्होंने कहा कि मोदी सरकार पूर्ण पारदर्शिता लाना चाहती है । भूमि का रिकार्ड अद्यतन किया जाना चाहिए ताकि इससे पैदावार सहित अन्य चीजों की भी जानकारी मिल सकेगी और गलत जगह पैसा जाने से रोका जा सकेगा । उल्लेखनीय है कि तीन नये कृषि कानूनों के विरोध में किसान दिल्ली की विभिन्न सीमाओं पर पिछले तीन माह से अधिक समय से धरना दे रहे हैं। इन कानूनों को वापस लिये जाने की मांग पर शिरोमणि अकाली दल केंद्र की राजग सरकार से अलग हो गयी थी और हरसिमरत कौर ने केंद्रीय मंत्री पद से त्यागपत्र दे दिया था।
इनपुट-भाषा