पटना: लोकसभा चुनाव 2019 जैसे-जैसे नजदीक आ रहा है, गठबंधनों में शामिल पार्टियां वैसे-वैसे अपने पत्ते खोलती जा रही हैं। बिहार में भी कमोबेश यही हाल है, जहां एनडीए से लेकर महागठबंधन तक में सीटों के बंटवारे को लेकर पेच फंसा हुआ है। इसी क्रम में बिहार में RJD-कांग्रेस के साथ गठबंधन में शामिल हिन्दुस्तानी अवाम मोर्चा के प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने बिहार की 40 में से 20 लोकसभा सीटें मांगकर महागठबंधन की मुश्किलें बढ़ा दी हैं।
मांझी ने आगामी लोकसभा चुनाव में सभी 40 सीटों पर तैयारी होने का दावा करते हुए सोमवार को कहा, ‘रविवार को हुई पार्टी कार्यकारिणी की बैठक में पार्टी सदस्यों की राय थी कि पार्टी लोकसभा चुनाव में कम से कम 20 और विधानसभा में 120 सीटों पर लड़े।’ उन्होंने इन सीटों पर जीत का दावा करते हुए कहा कि 'पार्टी इन पर काफी मजबूत स्थिति में है।' इधर, मांझी के इस दावे के बाद महागठबंधन के नेताओं के उस दावे की कलई खुल गई है, जिसमें कहा जा रहा है कि महागठबंधन में सीट बंटवारे को लेकर कोई समस्या नहीं है।
कांग्रेस नेता प्रेमचंद्र मिश्रा ने कहा, ‘लोकतंत्र में कार्यकर्ताओं में उत्साह का संचार करने के लिए पार्टी अधिक सीटों की मांग करती है। इसमें कोई परेशानी नहीं है। महागठबंधन की रणनीति बिहार की सभी 40 लोकसभा सीटों पर विजयी होने की है।’ वहीं, RJD के प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा, ‘मांझी के बयान को गलत तरीके से देखा जा रहा है। मांझी महागठबंधन के बड़े नेता हैं। सभी पार्टी की यह आकांक्षा रहती है कि ज्यादा से ज्यादा सीटों पर लड़े। महागठबंधन में शामिल सभी दलों के राष्ट्रीय अध्यक्ष एक साथ बैठेंगे और सीटों का बंटवारा होगा।’
भाजपा नेता व विधायक नितिन नवीन ने कहा, ‘मांझी ही लालू की नैया डुबोएंगे। एक विधायक की पार्टी होने के बावजूद मांझी की मांग महागठबंधन में दबाव बनाने की है।’