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अब चेक बाउंस हुआ तो खैर नहीं, बनेगा और कड़ा कानून, विधेयक लोकसभा में पारित

शुक्ल ने कहा कि इस संशोधन विधेयक में प्रावधान किया गया है कि चेक बाउंस  होने की स्थिति में आरोपी की तरफ से पहले ही चेक पर अंकित राशि की 20 फीसदी रकम अदालत में जमा करानी होगी।

Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: July 24, 2018 9:07 IST
अब चेक बाउंस हुआ तो खैर नहीं, बनेगा और कड़ा कानून, विधेयक लोकसभा में पारित- India TV Hindi
अब चेक बाउंस हुआ तो खैर नहीं, बनेगा और कड़ा कानून, विधेयक लोकसभा में पारित

नई दिल्ली: मोदी सरकार ने चेक बाउंस होने की दशा में चेक जारी करने वाले को जवाबदेह बनाने के उद्देश्य से निगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट्स (संशोधन) विधेयक, 2017 को ध्वनिमत से पारित कर दिया। वित्त राज्य मंत्री शिव प्रताप शुक्ल ने विधेयक पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि चेक बाउंस होने पर सजा की व्यवस्था है, लेकिन इस तरह के मामलों में अपील करने का प्रावधान होने के कारण लंबित मामलों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। इससे चेक की विश्वसनीयता कम हो रही है और असुविधाएं बढ रही है।

शुक्ल ने कहा कि इस संशोधन विधेयक में प्रावधान किया गया है कि चेक बाउंस  होने की स्थिति में आरोपी की तरफ से पहले ही चेक पर अंकित राशि की 20 फीसदी रकम अदालत में जमा करानी होगी। अगर निचली अदालत में फैसला आरोपी के खिलाफ आता है और वह ऊपरी अदालत में अपील करता है तो उसे फिर से कुल राशि की 20 फीसदी रकम अदालत में जमा करानी होगी।

मंत्री ने उम्मीद जताई कि इस प्रावधान की वजह से चेक बाउंस के मामलों पर अंकुश लगेगा और अदालतों पर चेक बाउंस के मुकदमों का बोझ कम होगा। शुक्ल ने सदन को बताया कि मौजूदा समय में देश भर की निचली अदालतों में चेक बाउंस के करीब 16 लाख मुकदमें चल रहे हैं।

इससे पहले विधेयक पेश करते हुए मंत्री ने कहा था कि चैक प्राप्तकर्ता को राहत देने के उद्देश्य से इस विधेयक में पर्याप्त उपाय किये गये हैं। इससे चैक की विश्वसनीयता और बढ़ेगी। सदन ने ध्वनि मत से इस विधेयक को पारित किया।

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