लखनऊ। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने विभिन्न हवाई अड्डों पर लोगों में कोरोना वायरस संक्रमण की जांच पर मंगलवार को प्रश्न उठाया। यादव ने ट्वीट कर कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में दावा किया है कि जब कोरोना वायरस के मामले नहीं थे तब ही विभिन्न हवाई अड्डों पर स्क्रीनिंग शुरू कर दी गई थी लेकिन सवाल ये है कि वह कितनी गंभीर और सार्थक रही।
अगर यह सच है तो फिर ये बताया जाए कि कोरोना हमारे देश में पहले पहल कैसे आया। जब सार्थक काम होंगे, तब ही सच में देश का भला होगा।
वहीं बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख मायावती ने कहा कि इस महामारी के चलते पूरे देश में खासकर दलितों, आदिवासियों, पिछड़ों एवं अन्य उपेक्षित गरीब लोगों की काफी दुर्दशा देखने को मिली है। इससे यह बात फिर स्पष्ट हो जाती है कि इन वर्गों के प्रति केन्द्र और राज्य सरकारों की अभी तक हीन और जातिवादी मानसिकता बदली नहीं है।
मायावती ने कोरोना संकट के दौरान गरीबों को राशन नहीं मिलने का मुद्दा उठाते हुए कहा कि कोरोना पीड़ितों में लगभग 90 प्रतिशत लोग उपेक्षित वर्ग के हैं और इनकी शिकायत है कि इन लोगों के पास कोई राशन कार्ड आदि नहीं है, इस कारण उन्हें राशन भी नहीं मिल पा रहा है।
उन्होंने सरकार से इस समस्या का शीघ्र समाधान निकालने की मांग करते हुए कहा कि अगर ऐसा नहीं हुआ तो उपेक्षित वर्गों के ये लोग कोरोना से कम, भूख से ज्यादा मरेंगे। वहीं माकपा ने कहा कि लॉकडाउन की अवधि आगे बढ़ने के कारण गरीब और हाशिए पर पड़े लोगों की परेशानियां बरकरार रहेंगी।