नयी दिल्ली: आशा एवं आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को ‘अपने लाखों हाथ’ के रूप में रेखांकित करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को कहा कि सरकार का ध्यान पोषण और गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया कराने पर है, तथा टीकाकरण की प्रक्रिया तेज गति से चल रही है जिससे महिलाओं और बच्चों को खासी मदद मिलेगी। आशा, आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के साथ नरेन्द्र मोदी एप एवं वीडियो लिंक के माध्यम से संवाद करते हुए प्रधाानमंत्री ने कहा, ‘‘पोषण का सीधा संबंध स्वास्थ्य से होता है। इसी को ध्यान में रखते हुए हमारी सरकार ने झुंझनू से राष्ट्रीय पोषण मिशन की शुरुआत की थी। यह हमारे लिए बहुत बड़ा मिशन है। इसमें आशा, आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं की महत्वपूर्ण भूमिका है।’’
उन्होंने कहा कि पहले के जमाने में भगवान के हजार बाहु होने की बात सामने आती थी, इसका आशय यह है कि उनकी टीम में ऐसे सैकड़ों समर्पित लोग होते थे। आशा, आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के योगदान की सराहना करते हुए मोदी ने कहा, ‘‘आज देश का प्रधानमंत्री कह सकता है कि आप सह्रस्त्रबाहु ही नहीं बल्कि लक्ष्यबाहु भी हैं।’’
टीकाकरण के लिए सरकार की पहल का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि अभियान को पहले बहुत सफलता नहीं मिली। 2014 के बाद, सरकार नई रणनीति के तहत काम करना शुरू किया है। इसके तहत टीकाकरण अभियान को दूर-दराज के इलाकों में बढ़ाने का काम किया गया है। उन्होंने कहा कि अब तक 3 करोड़ से ज्यादा बच्चों और 85 लाख से ज्यादा महिलाओं का टीकाकरण कराया गया है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि कमजोर नींव पर मजबूत इमारत खड़ी नहीं हो सकती है । देश का बच्चा अगर कमजोर होगा तो देश मजबूत नहीं हो सकता है । किसी भी शिशु के लिये पहले 1000 दिन महत्वपूर्ण होते हैं। इस दौरान मिला पौष्टिक आहार, खान-पान की आदतें, ये तय करती हैं कि उसका शरीर कैसा बनेगा। पढ़ने-लिखने में वह कैसा होगा। मानसिक रूप से कितना मजबूत होगा।
उन्होंने कहा कि यदि देश का नागरिक सही से पोषित होगा, विकसित होगा तो देश के विकास को कोई नहीं रोक सकता है। लिहाज़ा शुरुआती हज़ार दिनों में देश के भविष्य की सुरक्षा का एक मज़बूत तंत्र विकसित करने का प्रयास हो रहा हैं।
प्रधानमंत्री ने आशा, आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं से कहा, ‘‘होम बेस्ड न्यूबोर्न केयर के माध्यम से आप हर वर्ष देश के लगभग सवा करोड़ बच्चों की देखभाल कर रहे हैं। आपकी मेहनत से ये कार्यक्रम सफल हो रहा है, जिसके कारण इसको और विस्तार दिया गया है। अब इसको होम बेस्ड चाइल्ड केयर का नाम दिया गया है।’’
उन्होंने कहा कि पहले जन्म के 42 दिन तक आशा वर्कर को 6 बार बच्चे के घर जाना होता था। अब 15 महीने तक 11 बार आपको बच्चे का हालचाल जानना ज़रूरी है। मोदी ने कहा, ‘‘मुझे विश्वास है कि आपके स्नेह और अपनेपन से एक से एक बेहतरीन नागरिक देश को मिलेंगे।’’
उन्होंने कहा कि बच्चे की ही नहीं बल्कि प्रसूता माता के स्वास्थ्य की भी सभी चिंता कर रहे हैं। सुरक्षित मातृत्व अभियान जो सरकार ने चलाया है उसकी अधिक से अधिक जानकारी आपको लोगों तक पहुंचानी है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि गांव, दूर दराज के लोगों से मुलाकात करने के बाद महसूस होता है कि देश किस प्रकार से आगे बढ़ रहा है और आशा से भरा है। वरना तो कुछ लोग निराशा फैलाने में ही लगे हैं। प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल के फायदे का जिक्र करते हुए मोदी ने कहा, ‘‘प्रौद्योगिकी ने आज अनेक मुश्किलों को आसान कर दिया है। प्रौद्योगिकी जीवन का महत्वपूर्ण हिस्सा बन चुकी है। हमारा फोन अनेक सवालों का जवाब है। सरकार तो फोन के माध्यम से ही अनेक प्रकार की सुविधाएं सभी देशवासियों तक पहुंचा रही है।’’