नई दिल्ली: मेघालय और नगालैंड में आज कड़ी सुरक्षा के बीच वोटिंग संपन्न हुई। नागालैंड में मंगलवार को विधानसभा चुनाव में 75 फीसदी मतदान देखने को मिला। इस दौरान सत्तारूढ़ एनपीएफ और भाजपा कार्यकर्ताओं के बीच हुई झड़प में एक शख्स की मौत हो गई जबकि दो लोग घायल हो गए। नई दिल्ली में उपचुनाव आयुक्त चंद्र भूषण कुमार ने कहा कि कुछ हिंसा की घटना के अलावा मतदान शांतिपूर्ण रहा। निर्वाचन आयोग के अधिकारियों ने यहां कहा कि कुल 11.70 लाख मतदाताओं में से 75 फीसदी से अधिक ने अपने मतों का प्रयोग किया।
मेघालय की 60 सदस्यीय विधानसभा चुनाव में मंगलवार को कुल 18.9 लाख मतदाताओं में से 67 फीसदी मतदाताओं ने मतदान के अंतिम घंटों तक अपने मतों का प्रयोग किया। दोनों राज्यों में 60-60 सदस्यीय विधानसभा है लेकिन दोनों ही प्रदेशों में 59 सीटों के लिए मतदान हुआ। मेघालय में 18 फरवरी को ईस्ट गारो हिल्स जिले में एक आईईडी विस्फोट में राकांपा प्रत्याशी जोनाथन एन संगमा की मौत हो जाने की वजह से विलियमनगर सीट पर चुनाव रद्द कर दिया गया है। नगालैंड में एनडीपीपी प्रमुख नीफियू रियो को उत्तरी अंगामी द्वितीय विधानसभा सीट से निर्विरोध निर्वाचित घोषित किया जा चुका है। दोनों ही राज्यों में तथा त्रिपुरा में चुनाव के परिणाम 3 मार्च को घोषित किए जाएंगे। असम, मणिपुर और अरूणाचल प्रदेश में सरकार बनाने से उत्साहित भाजपा अब नगालैंड तथा मेघालय में अपने पांव पसारने की कोशिश कर रही है। कांग्रेस के लिए मेघालय में मिलने वाले चुनाव के परिणाम महत्वपूर्ण रहेंगे क्योंकि इस राज्य में वह बीते दस साल से सत्ता में है। भाजपा नगालैंड और मेघालय को अपने पाले में डालने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ रही है।
अपडेट्स
-नागालैंड में 75 फीसदी और मेघालय में 60 फीसदी मतदान
-दोपहर 1 बजे तक मेघालय में 27.75% और नगालैंड में 56% मतदान
-नगालैंड: अकलूतो में एक मतदान केंद्र के पास नगा पीपल्स फ्रंट और नैशनलिस्ट डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी के गुटों के बीच हुए संघर्ष में एक व्यक्ति की मौत, 2 घायल। मतदान प्रक्रिया पर कोई असर नहीं
-मेघालय के मुख्यमंत्री मुकुल संगमा ने चेंगकोमपारा में मतदान केंद्र 25 पर मतदान किया
-दोपहर 11 बजे तक नगालैंड में 38 प्रतिशत और मेघालय में 20 प्रतिशत मतदान हुआ
-मेघालय के राज्यपाल गंगा प्रसाद ने ओकलैंड ए4 मतदान केंद्र में एमटीडीसी कार्यालय उत्तर शिलॉन्ग में मतदान किया
-नगालैंड के मोन जिले के तिजित में मतदान केंद्र में ब्लास्ट, एक घायल
-शिलॉन्ग के मॉडल पोलिंग स्टेशन नॉर्थ में ईवीएम के साथ हुई दिक्कत के बाद अब वोटिंग शुरू
-मेघालय में एनसीपी प्रत्याशी जोनाथन एन. संगमा की मौत होने की वजह से विलियमनगर सीट पर आज के लिए मतदान रद्द कर दिया गया है, जबकि नगालैंड में एनडीपीपी चीफ नेफ्यू रियो को उत्तरी अंगामी-2 विधानसभा सीट से निर्विरोध निर्वाचित घोषित किया जा चुका है
-मेघालय और नगालैंड दोनों राज्यों में विधानसभा की 60-60 सीटें हैं
-मेघालय विधानसभा चुनाव 2018: अंपातिगिरी के एक मतदान केंद्र पर मतदान करने पहुंचे लोग
राजनीतिक पर्यवेक्षक पूर्वोत्तर राज्यों में सरकार बनाने की भाजपा की कोशिश पर उत्सुकता से नजर बनाए हुए हैं। वैसे भी पूर्वोत्तर कांग्रेस का गढ़ रहा है और परंपरागत रूप से भगवा दल यहां हाशिये पर ही रहा है। मेघालय में कांग्रेस ने 59 और भाजपा ने 47 सीटों पर प्रत्याशी उतारे हैं। इस राज्य में लोकसभा के पूर्व अध्यक्ष पी ए संगमा के पुत्र कॉनराड संगमा की नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी) और भाजपा अलग अलग चुनाव लड़ रही हैं लेकिन नॉर्थ ईस्ट डेमोक्रेटिक अलायंस (एनईडीए) में एनपीपी भाजपा की सहयोगी है।
नगालैंड में भाजपा को नीफियू रियो की नेशनलिस्ट डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी (एनडीपीपी) के साथ किनारे लगने की उम्मीद है। दोनों गठबंधन भागीदारों में से एनडीपीपी ने 40 सीटों पर और भाजपा ने शेष 20 सीटों पर प्रत्याशी उतारे हैं। वर्ष 1963 में नगालैंड के अस्तित्व में आने के बाद कांग्रेस ने तीन मुख्यमंत्री दिए। लेकिन वह अब केवल 18 सीटों पर लड़ रही है जबकि भाजपा यहां 20 सीटों पर खड़ी है।
मेघालय में 370 प्रत्याशी चुनाव मैदान में हैं। कुल 18.4 लाख मतदाता राज्य में फैले 3,083 मतदान केंद्रों पर अपने मताधिकारों का उपयोग करेंगे। मेघालय के मुख्य निर्वाचन अधिकारी एफ आर खारकोंगोर ने बताया कि राज्य में पहली बार 67 महिला मतदान केंद्र और 61 आदर्श मतदान केंद्र स्थापित किए गए हैं। राज्य विधानसभा चुनाव में 32 महिलाएं भी उम्मीदवार हैं।
नगालैंड में 11,91,513 मतदाताओं में से 6,01,707 पुरूष और 5,89,806 महिला मतदाता अपने मताधिकार का उपयोग करेंगे। सैन्य सेवाओं में कार्यरत मतदाताओं की संख्या 5,925 हैं। नगालैंड में चुनाव से पहले नगा राजनीतिक मुद्दे के समाधान की मांग कर रही नगालैंड ट्राइबल होहोज एंड सिविल ऑर्गनाइजेशन्स (सीसीएनटीएचसीओ) की कोर समिति ने ‘‘चुनाव नहीं’’ का फरमान जारी किया है जिसके चलते राजनीतिक दलों ने खुद को चुनाव प्रक्रिया से अलग कर रखा है।