नई दिल्ली: दिल्ली के उप-राज्यपाल कार्यालय ने बुधवार को एक वक्तव्य जारी कर कहा कि उप-राज्यपाल को प्रधान सचिव या सचिव स्तर के अधिकारियों की नियुक्ति और स्थानांतरण को अकेले मंजूरी देने का पूरा अधिकार है। उप-राज्यपाल द्वारा बुधवार को ही मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को चिट्ठी लिखकर दिल्ली सरकार द्वारा पिछले चार दिनों में की गई सारी नियुक्तियों और स्थानांतरण को रद्द करने की सूचना देने के कुछ ही घंटे बाद यह वक्तव्य जारी किया गया।
वक्तव्य में कहा गया है कि दिल्ली सरकार द्वारा उप-राज्यपाल कार्यालय को दिए गए आदेश एवं भेजे गए संदेश राष्ट्रीय राजधानी होने के नाते दिल्ली की विशेष स्थिति को उलझाने वाले हैं, क्योंकि अन्य राज्यों की अपेक्षा दिल्ली का मामला बिल्कुल अलग है।
वक्तव्य में कहा गया है, "दिल्ली विधानसभा से युक्त एक संघ शासित क्षेत्र है न कि कोई राज्य और इस तरह दिल्ली का अपना एक विशेष स्थान है।"
वक्तव्य के अनुसार, "दिल्ली सरकार द्वारा जारी किए गए आदेश संविधान के अनुकूल नहीं हैं क्योंकि राष्ट्रपति द्वारा प्रदत्त अधिकारों के तहत सेवाओं के मामले में निर्णय लेने का अधिकार उप-राज्यपाल को दिया गया है।