नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश में बसपा और सपा के गठबंधन में कांग्रेस को जगह नहीं दिए जाने की खबरों के बीच कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सलमान खुर्शीद ने रविवार को कहा कि अगर उनकी पार्टी को गठबंधन में शामिल नहीं किया गया तो राष्ट्रीय स्तर पर भाजपा विरोधी मोर्चा कमजोर होगा और इससे ‘‘पैदा होते ही मिट जाने’’ जैसी स्थिति उत्पन्न हो सकती है। खुर्शीद ने कहा कि उत्तर प्रदेश में महागठबंधन का साथ देना सभी विपक्षी दलों के लिए सबसे पेचीदा कवायद होगी। उन्होंने कहा कि भाजपा के सामने एक मजबूत चुनौती रखना कांग्रेस, बसपा, सपा और राष्ट्रीय लोक दल (रालोद) के लिए मुश्किल काम है।
उत्तर प्रदेश कांग्रेस के पूर्व प्रमुख ने कहा कि राज्य में अस्थिरता जैसे हालात हैं और पार्टी प्रमुख राहुल गांधी 2019 के आम चुनाव में गठबंधन के लिए खुले दिल-दिमाग के साथ आशावादी नजरिया रखे हुए हैं। हालांकि 65 वर्षीय नेता ने राज्य में गठबंधन होने की उम्मीद जताई और कहा कि यह भारतीय राजनीति के लिए अच्छा होगा। पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा, ''हम सभी कहीं न कहीं कुछ समझौता करना होगा और सिर्फ लेने-लेने या देने-देने से बात नहीं बनेगी। अगर चारों दलों के बीच लेन-देन सही हुआ तो हम भाजपा से अच्छी तरह लड़ सकेंगे। अगर ऐसा नहीं हुआ तो यह ऐतिहासिक नुकसान होगा।"
खुर्शीद का यह बयान खबरों में किए गए उन दावों के बीच आया है जिसमें कहा गया है कि बसपा और सपा कांग्रेस के बिना लोकसभा चुनाव के लिए गठबंधन को तैयार हैं। कांग्रेस ने इन खबरों को अफवाह बताते हुए खारिज कर दिया है। बसपा ने भी इन दावों को खारिज किया है। यह पूछे जाने पर कि हाल ही में हिंदी पट्टी के राज्यों मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में मिली जीत के बाद कांग्रेस को उत्तर प्रदेश में क्या उम्मीदे हैं, खुर्शीद ने कहा कि उत्तर प्रदेश की स्थिति अलग है क्योंकि यहां पार्टी लंबे समय से सत्ता से दूर है।
तीन राज्यों में मिली जीत के बाद राहुल गांधी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सामने गंभीर प्रतिद्वंद्वी के तौर पर देखा जा रहा है, इस पर खुर्शीद ने कहा कि राहुल गांधी ने आगे बढ़कर नेतृत्व संभाला है जिसका नतीजा सभी के सामने है। खुर्शीद ने कहा कि राज्यों के चुनावों में मिली जीत से कभी हार नहीं मानने का संदेश मिला है।