नई दिल्ली: केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने गुरुवार को कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार के मंत्री संभ्रांत नहीं हैं और जमीनी स्तर पर आम लोगों के संपर्क में रहते हैं। वह मीडिया द्वारा पूछे गए सवाल कि 'क्यों मोदी मंत्रिमंडल के मंत्री गुजरात में डोर-टू-डोर चुनाव अभियान में व्यस्त हैं उधर संसद के शीत सत्र की घोषणा अभी तक नहीं हो पाई है।' का जवाब दे रहे थे।
रविशंकर प्रसाद ने कहा, "अगर इस सरकार के मंत्री लोगों के संपर्क में रहते हैं तो, इसमें क्या समस्या है? हमें लोगों से मिलने और उनके घर जाने में(डोर टू डोर में) कोई समस्या नहीं है। मोदी सरकार के मंत्री संभ्रांत नहीं हैं। हम लोग केवल ट्वीट नहीं करते, बल्कि जमीन पर भी जाते हैं।" उन्होंने कहा, "जहां तक संसद सत्र का सवाल है, मैं समझता हूं कि संसदीय कार्य समिति इस पर निर्णय लेगी। संसदीय कार्य मंत्री अनंत कुमार उनके संपर्क में हैं।"
गुजरात में नौ व 14 नवंबर को दो चरणों में विधानसभा चुनाव होने हैं। गुजरात प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व पाृर्टी अध्यक्ष अमित शाह का गृह राज्य है, इसलिए भाजपा मतदाताओं तक पहुंच बनाने में कोई कमी नहीं छोड़ना चाहती है। कांग्रेस और अन्य विपक्षी पार्टी संसद के शीत सत्र जल्द आयोजित करने की मांग कर रही है।
कांग्रेस ने मंगलवार को आरोप लगाया था कि मोदी सरकार जानबूझ कर संसद का सामना करने से भाग रही है। कांग्रेस पार्टी के प्रवक्ता सुरजेवाला ने कहा, "संसद जवाबदेही का आईना है। संसद सरकार की योजनाओं पर चर्चा के लिए एक मंच है। यह सरकार की विसंगतियों का पर्दाफाश करने का सबसे महत्वपूर्ण संवैधानिक आधार है।"
सामान्यत: संसद के शीत सत्र की घोषणा नवंबर मध्य में की जाती है। इस बार हालांकि अभी तक शीत सत्र की कोई खबर नहीं है और अनुमान लगाया जा रहा है कि इस सत्र की जल्द ही घोषणा हो सकती है। जानकार सूत्रों ने गुरुवार को बताया कि सत्र की तिथि के बारे में जल्द ही गृहमंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में शुक्रवार को संसदीय कार्य मंत्रिमंडल समिति की बैठक में निर्णय लिया जा सकता है।