रेवाड़ी. कांग्रेस के संगठन में बदलाव की मांग लेकर पार्टी के अंदर बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। कपिल सिब्बल, गुलाम नबी आजाद के आवाज उठाने के बाद पार्टी के कई नेता उनके विरोध में खड़े हो गए हैं। अब लालू यादव के दामाद और हरियाणा में कांग्रेस पार्टी के विधायक चिरंजीवी राव ने भी गुलाम नबी आजाद के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। उन्होंने ट्वीट कर कहा, "सबसे पहले ग़ुलाम को पार्टी से आज़ाद करना चाहिए!!"
हरियाणा कांग्रेस के एक अन्य नेता कुलदीप बिश्नोई ने कहा कि कांग्रेस पार्टी चट्टान की तरह मजबूत है। इतिहास हमारे स्वतंत्रता संग्राम और राष्ट्र-निर्माण के प्रयासों में कांग्रेस की महत्वपूर्ण भूमिका का वसीयतनामा है। गांधी परिवार हमेशा विकास और व्यक्तिगत बलिदान में सबसे आगे रहा है। बड़े नेताओं की पहचान करना और उन्हें सशक्त बनाना महत्वपूर्ण होगा।
क्या बोले गुलाम नबी आजाद
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने रविवार को कहा कि कांग्रेस के नेता आम लोगों से पूरी तरह से कटे हुए हैं और पार्टी में ‘‘पांच सितारा संस्कृति’’ घर कर गई है। उन्होंने संगठनात्मक ढांचे में आमूल चूल परिवर्तन का आह्वान किया। बिहार विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की हार के बाद उनका यह बयान आया है। इस चुनाव में पार्टी ने 70 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ा था, जिनमें से वह केवल 19 सीटों पर जीत दर्ज कर पाई।
आजाद ने कहा कि ब्लॉक से लेकर जिला और राज्य स्तर तक चुनाव कराकर पार्टी के ढांचे में आमूल-चूल परिवर्तन की तत्काल जरूरत है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेताओं को कम से कम चुनावों के दौरान पांच सितारा संस्कृति को छोड़ देना चाहिए। संगठनात्मक बदलाव के लिए पत्र लिखने वाले 23 नेताओं में शामिल आजाद ने कहा कि वे ‘‘सुधारवादी के रूप मुद्दे उठा रहे हैं, न कि विद्रोही के रूप में।’’
उन्होंने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘जिला, ब्लॉक और राज्य स्तर पर लोगों और कांग्रेस नेताओं के बीच बहुत बड़ा फासला है। जनता से पार्टी का जुड़ाव एक सतत प्रक्रिया होनी चाहिए, न कि केवल चुनाव के दौरान।’’
राज्यसभा में विपक्ष के नेता ने कहा कि पार्टी के नेताओं को पांच सितारा संस्कृति को छोड़ देना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘‘कांग्रेस नेताओं को पांच सितारा संस्कृति को छोड़ देना चाहिए। कम से कम चुनावों के दौरान उन्हें इस संस्कृति से बचना चाहिए और क्षेत्र में लोगों के बीच रहना चाहिए।’’
बिहार चुनावों में पार्टी के खराब प्रदर्शन के बाद पहली बार बात करते हुए आजाद ने कहा कि नेताओं को राज्य के नेताओं के साथ राज्य का दौरा करना चाहिए और न कि केवल पांच सितारा होटलों में रहना चाहिए और वापस लौटना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘‘प्रत्येक नेता को प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र का ज्ञान होना चाहिए। केवल दिल्ली से जाना और पांच सितारा होटलों में रहना और दो-तीन दिन बाद दिल्ली लौटना पैसे की बर्बादी के अलावा और कुछ नहीं है।’