पटना: राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के अध्यक्ष लालू प्रसाद के बड़े पुत्र और बिहार के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री तेजप्रताप यादव को शादी के बाद जैसे राजनीति से मोहभंग हो गया है। तेजप्रताप ने अपने एक ट्वीट से इसके संकेत दिए हैं। भगवान कृष्ण के भक्त तेजप्रताप ने शनिवार को एक ट्वीट के जरिए खुद के द्वारका चले जाने की बात कही और इशारों ही इशारों में तेजस्वी को सबकुछ सौंप देने की भी बात कही। इस दौरान उन्होंने हालांकि कुछ 'चुगलों' (आलोचकों) की भी बात लिखी है।
तेजप्रताप ने ट्वीट कर लिखा, "मेरा सोचना है कि मैं अर्जुन को हस्तिनापुर की गद्दी पर बैठाऊं और खुद द्वारका चला जाऊं। अब कुछेक 'चुगलों' को कष्ट है कि कहीं मैं किंग मेकर न कहलाऊं । राधे राधे।" हालांकि रविवार को तेज प्रताप यादव ने साफ किया कि उनके परिवार में किसी तरह का अंदरूनी घमासान नहीं चल रहा है। तेज प्रताप यादव ने इस मामले में मीडिया को सफाई देते हुए कहा, 'परिवार में किसी भी तरह के विवाद की खबर झूठी है। ऐसी कोई चीज नहीं है। मेरे मन में तेजस्वी और लालूजी के खिलाफ कुछ नहीं है, लेकिन हां, पार्टी में कुछ वरिष्ठ नेता युवा कार्यकर्ताओं को तवज्जो नहीं दे रहे हैं। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष रामचंद्र पूर्वे कार्यकर्ताओं की अनदेखी कर रहे हैं।'
राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद ने अपना राजनीतिक उत्तराधिकारी अपने छोटे बेटे तेजस्वी प्रसाद यादव को बनाया है। यही कारण है कि महागठबंधन की सरकार बनने के बाद तेजस्वी को जहां उपमुख्यमंत्री बनाया गया था, वहीं तेजप्रताप को स्वास्थ्य मंत्री बनाया गया था। लालू की गैर मौजूदगी में हुए उपचुनावों में राजद की जीत से राजनीति में तेजस्वी का कद बढ़ा है। बड़े भाई तेजप्रताप का कुछ ही दिनों पहले विवाह हुआ है।