नई दिल्ली: कांग्रेस ने आज उन खबरों को पूर्णत: आधारहीन और शरारतपूर्ण करार दिया है जिनमें कहा गया है कि उसने सरकार से सौदेबाजी की पेशकश की है जिसके तहत ललित मोदी प्रकरण में विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को हटाने की स्थिति में वह संसद में जीएसटी विधेयक पारित कराने में सहयोग करने को तैयार है।
कांग्रेस के संवाद विभाग के प्रमुख रणदीप सुरजेवाला ने कहा, सुषमा और राजे को बर्खास्त करने का विषय सचाई, शुचिता और ललित मोदी जैसे कालेधन का शोधन करने वालों का संरक्षण नहीं करने के वादे की कसौटी पर मोदी सरकार को जवाबदेह ठहराने का मुद्दा है।
उन्होंने कहा, नैतिकता और संवैधानिक जवाबदेही के इन सभी व्यापक मुद्दों पर लेनदेन का कोई सवाल ही नहीं उठता है।
इन खबरों को सिरे से खारिज करते हुए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने कहा कि यह पूरी तरह से आधारहीन और शरारतपूर्ण है।
मीडिया के एक वर्ग में ऐसी खबरें आई हैं कि कांग्रेस ने सरकार के समक्ष एक प्रस्ताव रखा है जिसके तहत ललित मोदी प्रकरण में सुषमा और राजे को हटाएं और संसद में वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) विधेयक को समर्थन प्राप्त करें।
खबरों में कहा गया है कि केंद्र ने कांग्रेस की पेशकश को खारिज कर दिया है। कांग्रेस ललित मोदी प्रकरण में राजग सरकार पर दबाव बनाये हुए है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि मोदी सरकार ने कांग्रेस की पेशकश को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि संसद सत्र के दौरान कांग्रेस के साथ सौदेबाजी का कोई प्रश्न ही नहीं उठता है चाहे जीएसटी हो या भूमि अधिग्रहण विधेयक।
इसकी बजाए भाजपा ने किसी भी जटिल मुद्दे पर सदन में चर्चा कराने पर सहमति व्यक्त की है।
संसद का मानसून सत्र 21 जुलाई से शुरू हो रहा है और इसके काफी हंगामेदार रहने की उम्मीद है। कांग्रेस ने सरकार को ऐसे संकेत दिये हैं कि अगर सरकार ललित मोदी प्रकरण में कार्रवाई करने मैं विफल रही तब कार्यवाही बाधित हो सकती है।
कांग्रेस ललित मोदी प्रकरण में सुषमा और राजे के इस्तीफे की मांग कर रही है, साथ ही चुनावी हलफनामें में कथित तौर पर अपनी शैक्षणिक योग्यता के बारे में सही तथ्य नहीं देने पर मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी, और नियमों का उल्लंघन करते हुए बिना ई निविदा के एक ही दिन में 206 करोड़ रूपये की खरीद को मंजूरी देने के लिए महाराष्ट्र की मंत्री पंकजा मुंडे के इस्तीफे की मांग कर रही है।