लखनऊ: लखीमपुर खीरी मामले की जांच रिटायर्ड नहीं बल्कि मौजूदा न्यायाधीश से कराने की मांग करते हुये कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने बृहस्पतिवार को कहा कि अगर जांच निष्पक्ष करनी है तो गृह राज्य मंत्री को अपने पद से इस्तीफा देना चाहिए। मृतक किसानों के परिजनों से मिलने के लिए बहराइच जाने से पहले प्रियंका गांधी वाद्रा ने यहां पत्रकारों से कहा, ‘‘मेरे नजरिये में ही नहीं बल्कि परिवारों के नजरिये से भी इस मामले की रिटायर्ट जज से नहीं बल्कि सुप्रीम कोर्ट या हाईकोर्ट के मौजूदा जज से जांच करवानी चाहिए। मैं जांच पर टिप्पणी नहीं करना चाहती क्योंकि यह अभी शुरू ही नहीं हुई है लेकिन मैं इतना कह सकती हूं कि अगर जांच निष्पक्ष करनी है तो उस मंत्री (गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा) को इस्तीफा देना पड़ेगा क्योंकि वह गृह (राज्य) मंत्री हैं और यह सब उन्हीं के अन्तर्गत आता है।''
प्रियंका ने कहा, ‘‘कल रात मैं लखीमपुर खीरी गयी, तीनों परिवारों ने एक ही बात कही कि हमें मुआवजे से कोई मतलब नहीं है, हमें न्याय चाहिए, मंत्री (केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा) को बर्खास्त करना चाहिए। जिसने यह किया है उसे गिरफ्तार करना चाहिए।'' उन्होंने कहा, ''पूरी पुलिस फोर्स निकाल दी हमें रोकने के लिये, सिर्फ हमें रोकने के लिये ही नहीं पीड़ित परिवारों के गांव के इर्दगिर्द भी पुलिस लगा दी ताकि कोई उनसे मिलने आये नहीं। लेकिन आपने अपराधी के लिये कोई पुलिस फोर्स नहीं निकाली। जिस दिन यह घटना हुई उस दिन पुलिस कहां थी? क्या पुलिस सिर्फ नेताओं को रोकने के लिये है?''
कांग्रेस महासचिव ने कहा, ''तीनों परिवारों ने एक ही बात कही कि हमें न्याय चाहिए। क्योंकि जब इस तरह का हादसा होता है तो परिवारों को एक यही राहत होती है कि जिन्होंने गलत किया, कम से कम उनको कुछ दंड तो मिला।'' उन्होंने आरोप लगाया कि पीड़ित परिवारों को जो पोस्टमार्टम रिपोर्ट मिली है उसमें कुछ पढ़ा ही नहीं जा रहा है। प्रियंका ने कहा कि उन्हें (परिवारों को) फोटोकॉपी की भी फोटोकॉपी दी गयी है।
प्रियंका ने कहा, ''लोकतंत्र है, यहां न्याय आपका अधिकार है और इसके लिये मैं लड़ूंगी जब तक मंत्री (अजय मिश्रा) बरखास्त नहीं होते, जब तक यह लड़का (मंत्री का बेटा आशीष मिश्रा) गिरफ्तार नहीं होगा तब तक मैं बिल्कुल अडिग रहूंगी क्योंकि मैंने उन परिवारों को वचन दिया है।'' गौरतलब है कि लखीमपुर खीरी जिले के तिकोनिया क्षेत्र में रविवार को उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य द्वारा केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा के पैतृक गांव के दौरे के विरोध को लेकर भड़की हिंसा में चार किसानों समेत आठ लोगों की मौत हो गई थी। इस मामले में मिश्रा के बेटे आशीष समेत कई लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। इस मामले की जांच के लिये प्रदेश सरकार ने बृहस्पतिवार को एक सदस्यीय न्यायिक आयोग घोषित किया है और आयोग की कमान उच्च न्यायालय इलाहाबाद के (सेवानिवृत्त) न्यायाधीश प्रदीप कुमार श्रीवास्तव को सौंपी गयी है। (भाषा)