नयी दिल्ली: राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के प्रमुख शरद पवार ने मंगलवार को भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) को आगाह किया कि उसे लखीमपुर घटना की भारी कीमत चुकानी पड़ेगी और दावा किया कि पूरा विपक्ष किसानों के साथ है। हिंसा को किसानों पर हमला करार देते हुए पूर्व केंद्रीय कृषि मंत्री पवार ने कहा कि केंद्र और उत्तर प्रदेश की बीजेपी सरकारों पर इसकी जिम्मेदारी बनती है और लोग बीजेपी को उसके असली स्थान पर पहुंचा देंगे। रविवार को हुई घटना पर उन्होंने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘चाहे, यह केंद्र की सरकार हो या उत्तर प्रदेश की सरकार, वह तनिक भी संवेदनशील नहीं है। जिस प्रकार की स्थिति जालियावाला बाग में पैदा की गयी थी, उसी प्रकार की स्थिति हम उत्तर प्रदेश में देख रहे हैं। आज नहीं तो कल उन्हें इसकी भारी कीमत चुकाने ही पड़ेगी।’’
रविवार को हिंसा में आठ लोगों की जान चली गयी। घटना में हुई मौतों पर दुख प्रकट करते हुए शरद पवार ने किसानों को आश्वासन दिया कि विपक्ष उनके साथ खड़ा है और वह शीघ्र ही भावी कदम पर निर्णय लेगा। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के वर्तमान न्यायाधीश से जांच की भी मांग की।
उन्होंने कहा, ‘‘मैं उन्हें बता देना चाहता हूं कि वे किसानों की आवाज को कुचलने में कामयाब नहीं हो पाएंगे। पूरे देश के किसान एकजुट हैं और वे सरकार में बैठे लोगों द्वारा सत्ता के इस दुरूपयोग के विरूद्ध संघर्ष करेंगे।’’ उन्होंने सांसदों, मुख्यमंत्रियों समेत विपक्षी नेताओं को लखीमपुर जाने से रोकने पर उत्तर प्रदेश सरकार की आलोचना की। उन्होंने कहा कि यह लोकतंत्र में उनके मौलिक अधिकारों की हत्या करने जैसा है।
पवार ने कहा, ‘‘यह एक या दो दिन किया जा सकता है लेकिन यह लंबे समय तक नहीं चल सकता। लोग उन्हें उनकी (सही) जगह दिखा देंगे।’’ शिवसेना नेता संजय राउत ने भी मंगलवार को इस दमन के खिलाफ राजनीतिक दलों की संयुक्त कार्रवाई का आह्वान किया। राउत ने कहा, ‘‘लखीमपुर खीरी हिंसा ने राष्ट्र की आत्मा हिल गयी है, प्रियंका गांधी को उत्तर प्रदेश सरकार ने गिरफ्तार कर लिया, विपक्षी नेताओं को किसानों से नहीं मिलने दिया जा रहा है। उत्तर प्रदेश में सरकार के दमन के विरूद्ध संयुक्त विपक्षी कार्रवाई की जरूरत है।’’