नयी दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत-चीन सीमा पर हालात को लेकर चर्चा करने के लिए आज सर्वदलीय डिजिटल बैठक बुलाई है। यह बैठक ऐसे समय में बुलाई गई है, जब विपक्षी दल लद्दाख की गलवान घाटी में भारतीय और चीनी बलों के बीच हिंसक झड़प की विस्तृत जानकारी मांग रहे हैं। बता दें कि पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में सोमवार रात चीनी सैनिकों के साथ हिंसक झड़प में भारतीय सेना के एक कर्नल सहित 20 सैनिक शहीद हो गए।
यह पिछले पांच दशक से भी ज्यादा समय में दोनों देशों के बीच हुआ सबसे बड़ा सैन्य टकराव है। इसके कारण दोनों देशों के बीच सीमा पर पहले से जारी गतिरोध की स्थिति और गंभीर हो गई है। प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में होने वाली बैठक में जेपी नड्डा, सोनिया गांधी, ममता बनर्जी, उद्धव ठाकरे, एमके स्टालिन, एडप्पादी के पलानीस्वामी, ओ पन्नीरसेल्वम, एन चंद्रबाबू नायडू, जगन मोहन रेड्डी, शरद पवार और नीतीश कुमार शामिल हो सकते हैं।
इनके अलावा अखिलेश यादव, डी राजा, सीताराम येचुरी, नवीन पटनायक, के चंद्रशेखर राव, सुखबीर बादल, चिराग पासवान, और हेमंत सोरेन के भी शामिल होने की संभावना है। वहीं आम आदमी पार्टी, आरजेडी और एआईएमआईएम को न्योता नहीं दिया गया है। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने बुधवार को प्रधानमंत्री से कहा था कि वह इस झड़प के बारे में सच्चाई बताएं।
गांधी ने एक वीडियो जारी कर कहा, ‘‘दो दिन पहले हिंदुस्तान के 20 सैनिक शहीद हुए। उन्हें उनके परिवारों से छीना गया है। चीन ने हमारी जमीन हड़पी है। प्रधानमंत्री जी, आप चुप क्यों हैं? आप कहां छिप गए हैं?’’ कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री जी, आप बाहर आइए। पूरा देश, हम सब आपके साथ खड़े हैं। देश को सच्चाई बताइए। डरिए मत।’’
इस पर बीजेपी ने पलटवार कर कहा कि राहुल गांधी ने अपने विभिन्न ट्वीट के जरिये प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला करके अपरिपक्व और गैरजिम्मेदाराना व्यवहार किया है, जबकि प्रधानमंत्री ने चीन के साथ सीमा विवाद पर सर्वदलीय बैठक बुलाई है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेता यह दिखाना चाहते हैं कि सैनिकों को मरने के लिए निहत्था छोड़ दिया गया था।
इससे पहले, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने चीनी सेना के साथ हिंसक झड़प में शहीद हुए भारतीय जवानों को श्रद्धांजलि देते हुए बुधवार को कहा कि गलवान घाटी में सैनिकों को गंवाना बहुत परेशान करने वाला और दु:खद है। सिंह ने ट्वीट किया कि भारतीय जवानों ने कर्तव्य का पालन करते हुए अदम्य साहस एवं वीरता का प्रदर्शन किया और अपनी जान न्यौछावर कर दी।