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किसान आंदोलन को लेकर खट्टर, अमरिंदर के बीच आरोप-प्रत्यारोप; बीकेयू की चेतावनी

हरियाणा सरकार के लिए अल्टीमेटम जारी करते हुए चढ़ूनी ने प्रत्येक घायल किसान के लिए दो लाख रुपये मुआवजे की मांग की। पंजाब सरकार के अलावा खट्टर ने कांग्रेस नेता और हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा और वामपंथी नेताओं पर भी किसान आंदोलन के लिए आरोप लगाए।

Reported by: Bhasha
Published : August 30, 2021 23:04 IST
Khattar, Amarinder exchange words over farmers' protest; BKU threatens siege at Karnal secretariat
Image Source : FILE मनोहर लाल खट्टर ने पंजाब की कांग्रेस सरकार पर आरोप लगाया कि वह उनके राज्य में किसानों को उकसा रही है।

चंडीगढ़: हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने सोमवार को पंजाब की कांग्रेस सरकार पर आरोप लगाया कि वह उनके राज्य में किसानों को उकसा रही है, जिस पर पंजाब के मुख्यमंत्री ने कड़ी प्रतिक्रिया जताई। केंद्र के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ कई महीने से विरोध कर रहे किसानों के करनाल में हरियाणा पुलिस के साथ संघर्ष के बाद यह आरोप-प्रत्यारोप हुआ है। खट्टर ने एक संवाददाता सम्मेलन में उनके राज्य में किसानों के प्रदर्शन के लिए पंजाब सरकार को जिम्मेदार बताया। मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘स्पष्ट रूप से पंजाब सरकार का हाथ है।’’ पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने थोड़ी देर बाद पलटवार किया और हरियाणा के मुख्यमंत्री सहित भाजपा पर आरोप लगाया कि प्रदर्शनकारी किसानों पर खतरनाक हमले को लेकर वे शर्मनाक झूठ बोल रहे हैं। सिंह ने बयान जारी कर कहा, ‘‘आपकी पार्टी ने किसानों को जिन परेशानियों में धकेला है उसके लिए पंजाब पर दोष मढ़ने के बजाए कृषि कानूनों को वापस लें।’’

करनाल के घरौंडा में सोमवार को हुई किसान महापंचायत में हरियाणा सरकार के लिए अल्टीमेटम जारी किया गया। एक किसान नेता ने कहा कि बैठक में शनिवार के लाठीचार्ज के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ छह सितंबर तक मामले दर्ज करने की मांग की गई। उन्होंने कहा कि किसान सात सितंबर को करनाल में सचिवालय का घेराव करेंगे। करनाल एसडीएम आयुष सिंह पर खट्टर ने कहा कि आईएएस अधिकारी का शब्द चयन अनुचित था लेकिन उन्होंने पुलिस कार्रवाई का बचाव किया। अधिकारी पुलिस को कथित रूप से हिदायत देते हुए कैमरे में कैद हुए हैं कि रेखा लांघने पर किसानों का सिर फोड़ दें। संघर्ष में करीब दस किसान जख्मी हुए थे। 

पुलिस ने कहा कि उनके भी कई कर्मी घायल हो गए। हरियाणा के उप मुख्यमंत्री और जननायक जनता पार्टी के नेता दुष्यंत चौटाला ने पहले कहा था कि मजिस्ट्रेट के खिलाफ कार्रवाई होगी। लेकिन खट्टर ने कहा, ‘‘हम देखेंगे कि क्या कार्रवाई होगी। डीजीपी मामले की जांच कर रहे हैं और अपनी रिपोर्ट सौंपेंगे। लेकिन अधिकारी को इस तरह के शब्दों का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए था।’’ करनाल में भारतीय किसान यूनियन के नेता गुरनाम सिंह चढ़ूनी ने लाठीचार्ज में कथित तौर पर जख्मी होने के बाद मरने वाले किसान के परिवार के लिए 25 लाख रुपये मुआवजा और परिवार के सदस्य को सरकारी नौकरी देने की मांग की लेकिन राज्य सरकार ने कहा कि उसकी मौत अपने घर में हुई और वह जख्मी लोगों में नहीं था। 

हरियाणा सरकार के लिए अल्टीमेटम जारी करते हुए चढ़ूनी ने प्रत्येक घायल किसान के लिए दो लाख रुपये मुआवजे की मांग की। पंजाब सरकार के अलावा खट्टर ने कांग्रेस नेता और हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा और वामपंथी नेताओं पर भी किसान आंदोलन के लिए आरोप लगाए। खट्टर ने करनाल में किसानों पर लाठीचार्ज को लेकर उनसे इस्तीफा मांगने पर पंजाब के अपने समकक्ष अमरिंदर सिंह पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह को इस्तीफा दे देना चाहिए क्योंकि "टीकरी और सिंघू बॉर्डर पर बैठे अधिकांश लोग - मैं कहूंगा कि लगभग 80 प्रतिशत - पंजाब से हैं"। खट्टर ने दावा किया कि हरियाणा के किसान खुश हैं। 

खट्टर ने आंदोलनकारी किसानों को विरोध के हिंसक तरीकों का सहारा लेने के खिलाफ भी आगाह किया, जो उनके आंदोलन को नुकसान पहुंचा सकते हैं और समाज को उनके खिलाफ कर सकते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘हर स्वतंत्रता की सीमाएं होती हैं। कोई भी आजादी पूर्ण नहीं होती है।" अमरिंदर सिंह ने पलटवार करते हुए कहा, ‘‘भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) द्वारा कानूनों को रद्द करने से इनकार करना पार्टी और उसके नेतृत्व के निहित स्वार्थों को दर्शाता है, जिसने एक बार फिर अपने पूंजीवादी मित्रों को आम आदमी के ऊपर रखा था।’’ उन्होंने अशांति के माहौल के लिए भाजपा को सीधे तौर पर जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि संकट इतना गंभीर नहीं होता अगर हरियाणा के मुख्यमंत्री और भाजपा ने किसानों की चिंताओं पर ध्यान दिया होता। 

उन्होंने कहा कि खट्टर के किसान विरोधी एजेंडे का पर्दाफाश हो गया है क्योंकि हरियाणा के मुख्यमंत्री ने पंजाब पर आंदोलन की जिम्मेदारी डालकर प्रदर्शनकारी किसानों पर आपराधिक हमले का बचाव करने की कोशिश की। सिंह ने कहा, ‘‘क्या आपको दिखाई नहीं देता कि आपके अपने राज्य के किसान आपके उदासीन रवैये और आपकी पार्टी के कृषि कानूनों को निरस्त करने से इनकार करने के लिए आपसे नाराज हैं?’’ उन्होंने कहा कि किसान अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रहे हैं और उन्हें अपनी और अपने परिवार की रक्षा के लिए पंजाब या किसी अन्य राज्य से उकसावे की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा, ‘‘आपकी पार्टी ने कृषि क्षेत्र में जो गड़बड़ी की है, उसके लिए पंजाब को दोष देने के बजाय कृषि कानूनों को निरस्त करें। भाजपा को विभिन्न राज्यों में आगामी विधानसभा चुनावों में और उसके बाद हर चुनाव में अपने पापों का भुगतान करना होगा।’’

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