Tuesday, November 05, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. भारत
  3. राजनीति
  4. केरल बीजेपी अध्यक्ष ने कहा, सूबे की पार्टियों में तालिबान को समर्थन देने की होड़

केरल बीजेपी अध्यक्ष ने कहा, सूबे की पार्टियों में तालिबान को समर्थन देने की होड़

केरल बीजेपी चीफ के सुरेंद्रन ने कहा कि राज्य में नेता दूध और शहद देकर धार्मिक उग्रवाद का पोषण कर रहे हैं।

Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: September 04, 2021 18:58 IST
K Surendran, K Surendran Congress Taliban, K Surendran CPM Taliban- India TV Hindi
Image Source : FACEBOOK.COM/KSURENDRANOFFICIAL भारतीय जनता पार्टी की केरल इकाई के अध्यक्ष के सुरेंद्रन ने शनिवार को सूबे की प्रमुख पार्टियों पर हमला बोला।

तिरुवनंतपुरम: भारतीय जनता पार्टी की केरल इकाई के अध्यक्ष के सुरेंद्रन ने शनिवार को आरोप लगाया कि अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद से राज्य की मुख्यधारा की पार्टियों में उसे समर्थन देने की होड़ लगी हुई है। उन्होंने आरोप लगाया कि पड़ोसी देश में तालिबान के सत्ता में आने के बाद से सत्तारूढ़ मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी नीत वाम लोकतांत्रिक मोर्चा (LDF) और कांग्रेस नीत विपक्षी संयुक्त लोकतांत्रिक मोर्चा (UDF) अलग तरह की राजनीति कर रही हैं। सुरेंद्रन ने आरोप लगाया कि जिन्होंने तालिबान के समर्थन का रुख अपनाया,वे वही हैं जो 1921 में राज्य में हुए मोपला दंगों पर लीपापोती करने कोशिश कर रहे हैं।

‘तालिबान का समर्थन करने के लिए पार्टियों में होड़’

बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष ने तिरुवनंतपुरम में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, ‘केरल में, मुख्य धारा की पार्टियां तालिबान का समर्थन करने के लिए एक दूसरे से होड़ कर रही हैं। राज्य में नेता दूध और शहद देकर धार्मिक उग्रवाद का पोषण कर रहे हैं।’ केरल की वाम सरकार और यहां की पुलिस पर हमला करते हुए बीजेपी नेता कहा कि उनके ‘गैरजिम्मेदाराना’ रुख की वजह से राज्य में चरमपंथी शक्तियों की ताकत बढ़ रही है। उन्होंने जम्मू-कश्मीर के युवाओं की बिना लाइसेंसी हथियार के साथ राज्य में हाल में हुई गिरफ्तारी को ‘गंभीर’ करार दिया।

मोपला विद्रोह पर राज्य में चल रही बहस
राज्य में इस बात को लेकर बहस चल रही है कि वर्ष 1921 में राज्य के उत्तरी हिस्से में शुरु हुआ मालाबार विद्रोह उर्फ ‘मोपला विद्रोह ब्रिटिश सरकार के खिलाफ विद्रोह था या सांप्रदायिक दंगा। ऐसे में सुरेंद्रन के बयान को अहम माना जा रहा है। CPM ने इसे सामंतवादी जमींदारों के शोषण के खिलाफ सबसे संगठित विरोध करार दिया है, जबकि कांग्रेस ने इसे साम्राज्यवादी ताकतों के खिलाफ आंदोलन बताया है। इसके उलट बीजेपी और RSS ने इसे भारत में तालिबानी मानसिकता का पहला प्रदर्शन करार दिया है। बीजेपी और RSS ने वाम दलों और कांग्रेस द्वारा इसे भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के हिस्से के रूप में देखे जाने का विरोध किया है।

Latest India News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। Politics News in Hindi के लिए क्लिक करें भारत सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement