तिरुवनंतपुरम: केरल में विपक्षी दल कांग्रेस ने बुधवार को कहा कि वाम लोकतांत्रिक मोर्चा (LDF) सरकार की ‘कम सटीक’ एंटीजन जांच पर अत्यधिक निर्भरता के कारण राज्य में कोविड-19 संक्रमण मामलों में बेतहाशा वृद्धि हुई। राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता वी. डी. सतीशन ने कहा कि महामारी व्यापक रूप से फैल गई क्योंकि एंटीजन जांच में संक्रमण का पता नहीं चला था और RT-PCR जांच की संख्या केवल 25 प्रतिशत तक सीमित थी। 6 जिलों में केवल RT-PCR प्रारूप में कोविड जांच कराए जाने संबंधी सरकार के नए फैसले पर कटाक्ष करते हुए उन्होंने कहा कि यह बात सरकार को देर से समझ आई।
‘अपने अनुभवों से केरल सरकार को दी थी सलाह’
राज्य सरकार ने मंगलवार को केवल 6 जिलों वायनाड, पठानमथिट्टा, एर्नाकुलम, तिरुवनंतपुरम, इडुक्की और कासरगोड में RT-PCR जांच करने का फैसला किया था जहां टीकाकरण 80 प्रतिशत पूर्ण हो चुका है या इसके करीब है। फैसले का स्वागत करते हुए सतीशन ने कहा कि उन्होंने सरकार से अपने अनुभव को देखते हुए RT-PCR जांच की संख्या को अधिकतम करने के लिए कहा था। उन्होंने एक फेसबुक पोस्ट में कहा, ‘मैं जब बीमारी से प्रभावित था तो मैंने एंटीजन जांच कराई तो वह नेगेटिव आई थी लेकिन RT-PCR जांच में पॉजिटिव आई थी। सरकार की रैपिड एंटीजन जांच पर अधिक निर्भरता का ही परिणाम है कि राज्य के घर कोविड-19 से संक्रमित समूहों में बदल गये है।’
केरल में फिर आए 30 हजार से ज्यादा नए केस
सतीशन ने आरोप लगाया कि जब अन्य सभी राज्य पूरी तरह से RT-PCR जांच पर निर्भर थे, केरल ने रैपिड जांच के परिणामों के आधार पर निवारक कदम उठाए थे। उन्होंने कहा कि सरकार पूर्ण RT-PCR जांच करने के निर्णय को केवल 6 जिलों तक ही सीमित न रखे। इस बीच स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने कहा कि वायरस के संक्रमण के निरंतर प्रसार को देखते हुए और अधिक विशिष्ट चिकित्सकों की सेवा को शामिल करके टेली-मेडिसिन मंच ‘ई-संजीवनी’ को मजबूत किया गया है। बता दें कि केरल में मंगलवार को कोविड-19 के 30,203 नए मामले सामने आने के साथ ही कोरोना वायरस संक्रमितों की कुल संख्या बढ़कर प्रदेश में 40,57,233 हो गई जबकि 115 और मरीजों की मौत के बाद मृतकों की तादाद 20,788 पर पहुंच गई।