तिरुवनंतपुरम: कांग्रेस ने बाढ़ प्रभावित राज्य केरल में पुनर्निर्माण के लिए गैर-निवासी केरलवासियों से संसाधन जुटाने के लिए अपने मंत्रियों को विदेश भेजने के CPM के नेतृत्व वाली LDF सरकार के फैसले की सोमवार को निंदा की और इसे ‘भीख मांगने’ जैसा बताया। राज्य सरकार ने बाढ़ प्रभावित राज्य के पुनर्निर्माण के लिए विदेशों से धनराशि इकट्ठा करने के लिए मंत्रियों को नियुक्त किया है। सरकार के इस फैसले पर निशाना साधते हुए कांग्रेस नेता केवी थॉमस ने सोमवार को कहा,‘राज्य सरकार को भीख मांगने के कटोरे के साथ सहायता मांगने के लिए विदेश जाकर केरल के लोगों को अपमानित नहीं करना चाहिए।’
थॉमस ने मुख्यमंत्री पिनरायी विजयन से इस योजना को वापस लेने का आग्रह करते हुए कहा,‘मंत्रियों और अधिकारियों को भीख का कटोरा देकर बाहर के देशों में मत भेजो। यह केरलवासियों के आत्मसम्मान और प्रतिष्ठा को ठेस पहुंचायेगा। विदेशों में गरिमा के साथ रह रहे भारतीयों और केरलवासियों को अपमानित न करें।’ उन्होंने बाढ़ से नष्ट हुए आधारभूत ढांचे के पुनर्निर्माण के लिए सुझाव भी रखे। KPCC के अध्यक्ष एमएम हसन ने कहा कि मंत्रियों और अधिकारियों के विदेशी दौरों पर जाने से बाढ़ प्रभावित जिलों में पुनर्वास का काम बुरी तरह से प्रभावित होगा। उन्होंने कहा,‘अच्छा यह होगा कि मंत्री अपने दौरे की योजना को वापस ले ले।’
कांग्रेस नेता और पूर्व मुख्यमंत्री ओमन चांडी ने भी कहा कि राज्य सरकार विदेशी दौरे की योजना को छोड़ दें और इसके बजाय मंत्रियों को जिलों का प्रभार लेना चाहिए और पुनर्वास प्रयासों का समन्वय करना चाहिए। राज्य मंत्रिमंडल ने पिछले सप्ताह गैर निवासी केरलवासियों के जरिये विदेशों से और देश में प्रमुख शहरों से वित्तीय सहायता जुटाने का निर्णय लिया था। विदेशों से धनराशि इकट्टा करने के लिए मंत्रियों और अधिकारियों की एक विशेष टीम को भी नियुक्त किये जाने का निर्णय लिया गया था। गौरतलब है कि 28 मई को मानसून आने के बाद से राज्य में बारिश और बाढ से 483 लोगों की मौत हो चुकी हैं और 14 अन्य लापता है।