तिरुवनंतपुरम: केरल सरकार ने बुधवार को यह फैसला लिया है कि आर्थिक रूप से कमजोर 'अगड़े समुदाय' के लोगों को नौकरियों में आरक्षण दिया जाएगा और इसकी शुरुआत देवासोम से की जाएगी। मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने बुधवार को यह घोषणा की। विजयन ने कहा कि यह फैसला मंत्रिमंडल द्वारा लिया गया है। सैद्धांतिक तौर पर 'अगड़े समुदाय' के लोगों को नौकरियों में आरक्षण के लिए सांविधानिक संशोधन की जरूरत पड़ेगी, लेकिन देवासोम विभाग को नहीं पड़ेगी, जो मंदिरों का प्रबंधन करती है।
विजयन ने कहा, "इसके तहत पहली बार देवासोम में की जानेवाली नियुक्तियों में 10 फीसदी नौकरियां अगड़े समुदाय के उन लोगों को दी जाएगी, जो आर्थिक रूप से कमजोर हैं।"
विजयन ने मंत्रिमंडल की साप्ताहिक बैठक के बाद मीडिया से कहा, "यह भी फैसला किया गया है कि हिन्दू एझावा समुदाय का आरक्षण बढ़ाकर 14 से 17 फीसदी, अनुसूचित जाति/जनजाति का आरक्षण 10 से बढ़ाकर 12 फीसदी और अन्य पिछड़ा वर्ग श्रेणी का आरक्षण बढ़ाकर 3 से 6 फीसदी किया जाएगा।"
उन्होंने कहा कि उनकी सरकार और वाम प्रजातांत्रिक मोर्चा (एलडीएफ) अब केंद्र सरकार पर यह दवाब डालेगी कि वे राज्य सरकार की सभी सरकारी नौकरियों में अगड़े समुदायों में आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग के लोगों को आरक्षण का फायदा सुनिश्चित करने के लिए संविधान में संशोधन करे।