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केजरीवाल दिल्ली मतदाताओं के सपने पूरे नहीं कर सकते: प्रशांत भूषण

नई दिल्ली:  वरिष्ठ वकील और आम आदमी पार्टी के संस्थापकों में से एक प्रशांत भूषण ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि अगर उनका अलोकतांत्रिक रवैया ऐसा ही रहा

India TV News Desk
Published on: April 04, 2015 19:33 IST
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नई दिल्ली:  वरिष्ठ वकील और आम आदमी पार्टी के संस्थापकों में से एक प्रशांत भूषण ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि अगर उनका अलोकतांत्रिक रवैया ऐसा ही रहा तो वह दिल्ली की जनता की आकांक्षाएं पूरी नहीं कर पाएंगे।

भूषण इंडिया टीवी के कार्यक्रम आपकी अदालत में रजत शर्मा के सवालों के जवाब दे रहे थे। यह कार्यक्रम शनिवार रात प्रसारित होगा।

प्रशांत भूषण ने कहा "जिस तरह से अरविंद केजरीवाल चल रहे है मुझे नहीं लगता कि वह दिल्ली मतदाताओं से किए वादें निभा पाएंगे। अगर उन्हें लगता है कि वह सर्वज्ञानी है तो ये उनकी भूल है। अगर उन्हें ये एहसास हो जाए कि उन्होंने अनैतिक तरीके अपनाए थे तो शायद वो वादे पूरे कर पाएं।"

सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील भूषण ने कहा "अगर अरविंद को लगता है कि मैं .योगेन्द्र यादव का मोहरा हूं तो वह ग़लत है। मैं किसी की कठपुतली नही हूं। मुझे लगता है कि अरविंद मुझसे नाराज़ थे क्योंकि मैंने उनकी कठपुतली बनने से मना कर दिया था।"

भूषण ने कहा, " मैंने उनसे कहा था कि आप में दो गंभीर ख़ामियां हैं। या तो आप उन्हें सुधार लें या संगठन में ऐसा इंतज़ाम करें कि ये ख़ामियां काम के आड़े ना आएं वर्ना आपको और बड़े ख़तरे झेलने पड़ेंगे।"

दिल्ली के मुख्यमंत्री की दो ख़ामियों के बारे में पूछे जाने पर भूषण ने जवाब दिया, " एक तो वो अपनी ही चलाते हैं और दूसरी ये कि कभी कभी वह अनैतिक तरीके अपना लेते हैं।"

अनैतिक करीकों के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि दिल्ली विधान सभा चुनाव के दौरान पार्टी नेतृत्व ने मुस्लिम बहुल इलाकों में सांप्रदायिक पोस्टर बंटवाए और बाद में स्थानीय आप नेता अमानतुल्लाह के सिर ठीकरा फोड़ दिया जो बाद में चुनाव जीते भी।

भूषण ने आरोप लगाया कि दिल्ली जल बोर्ड के एक भूतपूर्व इंजीनियर को टिकट दिया गया जिसका वेतन 16,000 था और जिसके सात फ़ार्म हाउस, पांच होटल और कई अपार्टमेंट थे।

भूषण ने कहा कि उन्होंने दिल्ली विधान सभा के समय ऐसे 12 आप उम्मीदवारों के नाम दिए थे जिनकी संदिग्ध पृष्ठभूमि थी। इनमें से दो से टिकट वापस ले लिए गए, 6 को चेतावनी और बाकी चार को क्लीन चिट दी गई।

रजत शर्मा के बार बार पूछे जाने पर कि विधानसभा चुनावों के दौरान दिल्ली की जनता को इतने गंभीर मुद्दों के बारे में ना बता कर आपने जनता के साथ क्या धोखा नहीं किया, भूषण ने कहा कि मैंने शुरुआत में पार्टी को सुधारने की भरसक कोशिश की थी, लेकिन जब पानी सिर के ऊपर चला गया तो मैंने इस्तीफे की धमकी दी।

भूषण ने यह भी कहा कि लोक सभा चुनाव में हुई हार के बाद केजरीवाल कांग्रेस के साथ मिलकर दिल्ली में सरकार बनाने को लेकर बेहद उतालवे थे। मैंने इसका विरोध किया। राजनीतिक मामलों की कार्य समिति में पांच सदस्य इसके विरोध में और चार सदस्य पक्ष में थे लेकिन केजरीवाल ने कहा कि वो पार्टी के संयोजक हैं और वो ही इस  फैसला करेंगे। इस बात पर मेरी केजरीवाल से कुछ कहा-सुनी भी हो गई।

उन्होंने कहा कि कांग्रेस की मदद से सरकार बनाने की कवायद नवंबर तक चलती रही और विधान सभा भंग होने के दस दिन पहले केजरीवाल ने निखिल देव से राहुल गांधी से संपर्क करने को कहा लेकिन उन्होंने मना कर दिया।

भूषण ने केजरीवाल के इन आरोपों का खण्डन किया कि वो योगेन्द्र यादव के साथ मिलकर विधान सभा चुनाव में पार्टी को हरवाने की कोशिश कर रहे थे।

मुख्यमंत्री के लिए किरण बेदी को तरजीह देने के पिता शांति भूषण के बयान पर प्रशांत भूषण ने कहा कि ये उनकी ज़ाती राय थी और उन्होंने खुद को इससे अलग कर लिया था।
ये कार्यक्रम इंडिया टीवी पर शनिवार रात दस बजे और फिर रविवार सुबह दस बजे प्रसारित होगा।

 

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