नई दिल्ली: कांग्रेस की वरिष्ठ नेता शीला दीक्षित ने आज मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि वह अपने संवैधानिक दायित्वों के प्रति गंभीर नहीं हैं जिसके कारण दिल्ली के लोगों को परेशान होना पड़ रहा है। उन्होंने आप नेता द्वारा राज निवास में पिछले तीन दिन से दिए जा रहे धरने को लेकर भी उनकी आलोचना की।
दिल्ली की तीन बार मुख्यमंत्री रह चुकी शीला दीक्षित ने कहा कि ऐसे समय में जब कि शहर भीषण जल संकट और अन्य समस्याओं से परेशान हो, तब सरकार के मुखिया का उप राज्यपाल के कार्यालय में धरना दिया जाना ‘पूरी तरह से अस्वीकार्य’ है। कांग्रेस की वरिष्ठ नेता ने कहा कि दिल्ली के लोगों ने केजरीवाल को ‘भारी’ बहुमत प्रदान किया। उनके पास अपने दायित्वों से बचने तथा आम आदमी को कष्ट एवं पीड़ा देने का कोई अधिकार नहीं है।
शीला ने बताया, ‘‘आप (केजरीवाल) क्या सन्देश दे रहे हैं? इसका (धरने का) कोई तुक नहीं है। दिल्ली के लोग बहुत निराश हैं क्योंकि वे उन्हें भारी बहुमत से लाए थे। दिल्ली विधानसभा में कांग्रेस का एक भी विधायक नहीं है। भाजपा ने केवल तीन सीटें जीती हैं। आपने सूपड़ा साफ किया और अब उसका आप कैसे दुरूपयोग कर रहे हैं?’’ केजरीवाल, उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया तथा दो अन्य मंत्री उपराज्यपाल अनिल बैजल के कार्यालय में धरना दे रहे हैं। आप नेता आईएएस अधिकारियों की कथित ‘हड़ताल’ समाप्त करवाने तथा आप सरकार के साथ सहयोग करने की मांग पर हड़ताल कर रहे हैं।
दिल्ली के प्रशासनिक ढांचे का उल्लेख करते हुए शीला ने कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री की शक्तियां सीमित हैं। शासन के मार्ग में आने वाली अड़चनों से युक्तिपूर्ण ढंग से ही पार पाया जा सकता है, टकराव वाले रवैये को अपनाकर नहीं। उन्होंने कहा, ‘‘यह एक संकट है। दिल्ली के मुख्यमंत्री राज्यपाल के घर में उस तरह का धरना दे रहे हैं जो बिल्कुल स्वीकार्य नहीं है। दिल्ली थम गई है और इसके कारण लोगों को परेशानी हो रही है।’’
केजरीवाल के केन्द्र एवं नौकरशाही के साथ आए दिन होने वाले टकराव के बारे में शीला ने कहा, ‘‘आप स्वयं ही सभी को (टकराव को) न्योता देते हैं और फिर खुद को शहीद बनाने का प्रयास करते हैं।’’