नई दिल्ली: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर ने पार्टी के अध्यक्ष राहुल गांधी को सलाह दी है कि वह ट्विटर पर ‘ट्रोल और ट्रोल करने वाले लोगों को नजरअंदाज करें’ और जनता के साथ अपना ‘अनोखा संवाद’ कायम रखें। उन्होंने कहा कि ट्विटर के जरिए संवाद ने राहुल गांधी के प्रति नजरिए में बदलाव लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। राहुल ने हाल में ट्विटर पर फॉलोवर्स की संख्या के मामले में थरूर को पीछे छोड़ा है। थरूर ने कहा कि सोशल मीडिया वर्ष 2019 में ‘खेल प्रभावित करने वाला’ साबित हो सकता है।
उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया पर भारतीय जनता पार्टी के मुकाबले में कांग्रेस का विमर्श ‘विनोदपूर्ण, ध्यान आकर्षित करने वाला और चलन स्थापित करने वाला’ होता है। पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा,‘अब तो भाजपा भी कांग्रेस की किताब से यह सबक लेने की कोशिश करेगी।’ उन्होंने जोर देकर कहा कि उनकी पार्टी को सोशल मीडिया पर भाजपा की तुलना में अपनी अच्छाइयों की व्याख्या करने की कोई जरूरत नहीं है।
उनसे पूछा गया था कि क्या माइक्रोब्लॉगिंग साइट ने कांग्रेस अध्यक्ष को जानने में लोगों की मदद की है और क्या इससे राहुल की छवि अनिच्छुक राजनेता से समर्पित नेता के तौर पर बदलने में मदद मिली है। इस पर 62 वर्षीय थरूर ने कहा, ‘सोशल मीडिया पर उनका उत्साह, उनका हास्यबोध, ऊर्जा और हाजिर जवाबी सब नजर आती है। यह वह व्यक्ति है जिसका इस मंच से जुड़ाव राजनीति के साथ व्यापक सरोकार के बारे में बताता है। यहां अनिच्छा नहीं बल्कि भारत को बेहतर बनाने की प्रतिबद्ध और जुनून नजर आता है।’
सोशल मीडिया पर ‘तीक्ष्ण और पैना’ होने के लिए थरूर ने राहुल की प्रशंसा करते हुए कहा कि वह देश के चिंताओं के बारे में जानते हैं, उनके प्रति सतर्क हैं और इसके लिए उन्हें साधुवाद। राहुल ने हाल में ट्विटर पर फॉलोवर के मामले में थरूर को पीछे छोड़ दिया। अब इस माइक्रोब्लॉगिंग साइट पर राहुल के 67.9 लाख फॉलोवर हैं जबकि थरूर के 66.9 फॉलोवर हैं। राहुल अभी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बहुत पीछे हैं जिनके ट्विटर पर 4.23 करोड़ फॉलोवर हैं।
थरूर से पूछा गया कि राहुल को ट्विटर पर आने की सलाह देने के बाद अब वह उन्हें और क्या कहना चाहेंगे? इस पर उन्होंने कहा कि वह राहुल से कहना चाहेंगे कि वह ट्रोल और ट्रोल करने वाले लोगों को नजरअंदाज करें। उन्होंने कहा,‘मैं उनसे कहूंगा कि वह देश की जनता के साथ संवाद का यह अनोखा चैनल जारी रखें और रास्ते में आने वाले ट्रोल और ट्रोल करने वालों को नजरअंदाज करें क्योंकि इस माध्यम में नकारात्मकता पर सकारात्मकता हमेशा भारी पड़ती है।’ क्या 2019 का चुनाव पार्टियों के बीच ऑनलाइन लड़ा जाएगा? इस पर थरूर ने कहा कि यह एक प्रभावी कारक साबित हो सकता है।