करीमनगर (तेलंगाना): भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने तेलंगाना में सत्ता परिवर्तन का आह्वान करते हुए बुधवार को कहा कि ना तो सत्तारूढ़ टीआरएस और ना ही मुख्य विपक्षी कांग्रेस राज्य में विकास कर सकती है। उन्होंने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में अगर अगले साल लोकसभा चुनाव के बाद पार्टी सत्ता में आती है तो वे यह सुनिश्चित करेंगे कि देश में ‘‘एक भी घुसपैठिया’’ नहीं छूटे।
शाह ने कहा कि तेलंगाना का विकास ना तो केसीआर (कार्यवाहक मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव) परिवार और ना ही (कांग्रेस प्रमुख) राहुल बाबा से संभव है। वे तो ‘ब्रेक इन इंडिया’ (भारत तोड़ो) में जुटे हैं जबकि (नरेन्द्र) मोदीजी मेक इन इंडिया की नीति को आगे बढ़ा रहे हैं।’’ भाजपा पहली बार तेलंगाना में अकेले चुनाव लड़ने वाली है। इससे पहले वह राज्य में तेदेपा की सहयोगी थी। कई साल राजग की सहयोगी रही तेदेपा हाल में गठबंधन से अलग हो गयी है।
भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि कांग्रेस का जनाधार घटता जा रहा है और वह टीआरएस की विकल्प बनने में अक्षम है। शाह ने कहा कि क्या कांग्रेस टीआरएस की विकल्प है? राहुल गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस राज्य में चुनाव जीतने में अक्षम है। आज अगर आप कांग्रेस को देखना चाहते हैं तो आपके लेंस (आवर्धक लेंस) लगाकर उसे ढूंढना होगा। शाह ने केन्द्र में भाजपा के सत्ता में आने के बाद कई चुनावों में कांग्रेस की हार पर राहुल का उपहास उड़ाया।
शाह ने कहा कि टीआरएस ने तेलंगाना की जनता से जो वादे किये उसे पूरा करने में वह नाकाम रही। उन्होंने कहा कि केसीआर ने 2014 के विधानसभा चुनाव से पहले 150 वादे किये थे लेकिन एक भी वादा पूरा नहीं किया। उन्होंने वादा किया था कि वह एक दलित को मुख्यमंत्री बनायेंगे लेकिन उन्होंने इसका सम्मान नहीं किया। तेलंगाना के दलित उनकी सूची में नहीं हैं। उनके बेटे (मंत्री केटी रामाराव) या बेटी (सांसद के. कविता) को मुख्यमंत्री बनाया जायेगा।
भाजपा अध्यक्ष ने असम में राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) का मुद्दा भी उठाया और कहा कि अगर भाजपा एक बार फिर सत्ता में आयी तो मोदी सरकार हर घुसपैठिये को देश से बाहर निकाल देगी। भाजपा के कटु आलोचक और हैदराबाद लोकसभा से सांसद एआईएमआईएम के असदुद्दीन ओवैसी पर निशाना साधते हुए शाह ने कहा कि यह सिर्फ भगवा पार्टी ही थी जो उनके जैसे (ओवैसी जैसे) लोगों से लड़ सकी ना कि टीआरएस, तेदेपा या कांग्रेस। 17 सितंबर को ‘‘हैदराबाद मुक्ति दिवस’’ के रूप में नहीं मनाये जाने पर शाह ने टीआरएस प्रमुख राव की आलोचना की। उन्होंने दावा किया कि केसीआर सरकार मोदी सरकार की किफायती स्वास्थ्य बीमा योजना ‘आयुष्मान भारत’ से इसलिए नहीं जुड़ी क्योंकि उसे इससे प्रधानमंत्री की लोकप्रियता बढ़ने का डर था।