हैदराबाद: तेलंगाना के मुख्मंत्री के. चंद्रशेखर राव ने गुरुवार को तेलंगाना विधानसभा भंग करने का फैसला किया है। इसके साथ ही राज्य में जल्द चुनाव कराने का रास्ता साफ हो गया है। माना जा रहा है कि तेलंगाना राष्ट्र समिति के प्रमुख राव ने तेलंगाना में दिसंबर से पहले विधानसभा चुनाव होने की उम्मीद में यह कदम उठाया है। इस तरह से लोकसभा चुनावों के पहले वह जनता का मूड भांपना चाहते हैं और किसी अन्य दल के साथ गठबंधन पर आसानी से फैसला ले सकते हैं।
अभी क्या है तेलंगाना विधानसभा का हाल
के. चंद्रशेखर राव की पार्टी तेलंगाना राष्ट्र समिति का विधानसभा में जबर्दस्त बहुमत है। विधानसभा की कुल 119 सीटों में से 90 पर अकेले टीआरएस का कब्जा है। वहीं, विपक्ष को मिली 29 सीटों में से कांग्रेस के पास 13, असदुद्दीन ओवैसी की एआईएमआईएम के पास 7, भारतीय जनता पार्टी के पास 5, तेलगूदेशम पार्टी के पास 3 और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के पास एक सीट है। आपको बता दें कि अभी इस विधानसभा का कार्यकाल जून 2019 तक था।
बीजेपी के साथ बढ़ीं हैं पार्टी की नजदीकियां
आपको बता दें कि बीते कुछ महीनों में टीआरएस और बीजेपी के बीच नजदीकियां बढ़ी हैं। माना जा रहा है कि ये दोनों पार्टियां 2019 का लोकसभा चुनाव एक गठबंधन बनाकर लड़ सकती हैं। फिलहाल राज्य में तेलंगाना राष्ट्र समिति की स्थिति बेहद मजबूत है और भाजपा वहां अपनी जमीन जमाने की कोशिश कर रही है।