कश्मीर में टेरर फंडिंग और मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में शिकंजा कसना शुरू हो गया है। एनआईए ने जहां इस मामले की जांच तेज़ कर दी है वहीं दूसरी ओर बड़े अलगाववादी नेताओं पर कार्रवाई तेज़ हो गई है। आतंकियों की मदद करने के आरोप में कई लोगों से पूछताछ की गई है इसके साथ ही कईयों को गिरफ्तार भी किया गया है। अलगाववादी नेता सैयद अली शाह गिलानी का दामाद इस मामले में पहले ही गिरफ्तार है वहीं अब दोनों बेटों को भी एनआईए ने समन जारी कर पूछताछ के लिए बुलाया है।
इसके पहले इस मामले में अलगाववादी नेता शब्बीर शाह की गिरफ्तारी हुई फिर सैय्यद अली शाह गिलानी के दामाद अहमद शाह को भी गिरफ्तार किया गया और अब इसी मामले में गिलानी के दोनों बेटों को भी एनआईए ने पूछताछ के लिए समन भेजा है। समन के मुताबिक आज ही सैयद अली शाह गिलानी के दूसरे बेटे नईम गिलानी को एनआईए के सामने पेश होना है। इस मामले में पूछताछ के लिए नईम समेत 29 लोगों को समन भेजे गए हैं।
नईम गिलानी सैयद अली शाह गिलानी के बड़े बेटे हैं। नईम पेशे से सर्जन हैं और 11 साल पाकिस्तान में रहने के बाद 2010 में भारत लौटे थे। नईम को तहरीक-ए-हुर्रियत का उत्तराधिकारी माना जाता है। तहरीक-ए-हुर्रियत एक अलगाववादी संगठन है जिसमें पाकिस्तान समर्थक कट्टरपंथी लोग शामिल हैं।
हालांकि सीने में दर्द की शिकायत के बाद नईम को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। सैयद अली शाह गिलानी के दूसरे बेटे नसीम गिलानी को भी एनआईए ने पूछताछ के लिए समन भेजा है।
आपको बता दें कि इसी मामले में पहले से ही गिलानी के दामाद अहमद शाह उर्फ अल्ताफ फंटूश को गिरफ्तार किया जा चुका है। एनआईए अहमद शाह को शिकंजे में लेकर पूछताछ कर रही है। एनआईए की जांच में अबतक कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ रहा है नकाबपोश लोग पर्दाफाश हो रहे हैं। इस सिलसिले में एनआईए ने कई जगहों पर छापेमारी की है और श्रीनगर से लेकर दिल्ली तक से लोग गिरफ्तार किए गए हैं। बड़ी बात ये है कि टेरर फंडिंग केस में जमात-उद-दावा और लश्कर-ए-तैय्यबा जैसे आतंकी संगठनों के भी नाम शामिल है। गिरफ्तार किए गए लोगों पर आतंकी संगठनों के लिए पाकिस्तान से फंडिंग के आरोप हैं।
इस बीच कल ही जम्मू में आतंकी फंडिंग मामले में एनआईए ने देवेंद्र सिंह बहल नाम के एक शख्स के घर छापेमारी की। देंवेंद्र सिंह बहल हुर्रियत नेता सैयद गिलानी का करीबी है...और पेशे से वकील है। बहल के घर छापेमारी गिरफ्तार अलगाववादी नेताओं से पूछताछ के बाद हुई है। एनआईए की अबतक की जांच से ये तय है कि कश्मीर में आतंकी वारदातों को अंजाम देने के लिए पाकिस्तान ने फंडिंग की। फिलहाल एनआईए उस हवाला रूट को भी तलाश रही है जहां से आतंकियों को धन मुहैया कराया गया।