श्रीनगर: 'जम्मू एवं कश्मीर में अलगाववादियों के लिए कोई जगह नहीं' कहे जाने पर राज्य के अलगाववादी नेता यासीन मलिक ने बुधवार को राज्य सरकार पर हमला बोला। उन्होंने मुख्यमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद पर राष्ट्रीय स्वसंसेवक संघ (आरएसएस) के एजेंडे पर काम करने का आरोप लगाया।
राज्य में पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) गठबंधन सरकार की ओर इशारा करते हुए जम्मू एवं कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (जेकेएलएफ) के अध्यक्ष यासीन मलिक ने कहा, "सईद हिंदू राष्ट्रवादी संगठन संघ और उसी के जैसी विचारधारा रखने वाले समूहों के इशारों पर नाच रहे हैं।"
यासीन ने कहा कि सईद ने पीडीपी का गठन स्वतंत्रता समर्थक समूहों के एजेंडे पर कब्जा करने के लिए भारतीय एजेंसियों के समर्थन से किया था।
उन्होंने कहा, "चुनाव से पहले इस पार्टी ने स्वतंत्रता समर्थक समूहों के पक्ष में नारे लगाकर लोगों को मूर्ख बनाया। अब जब चुनाव के बाद यह संघ के जनसांख्यिकी में परिवर्तन वाले एजेंडे पर काम कर रहे हैं।"
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने सार्वजनिक संपर्क कार्यक्रम 'सफरी जिहाद-ए-मुसलसल' बंद कर दिया है। यासीन के मुताबिक, इस कार्यक्रम का उद्देश्य कश्मीर मुद्दे का शांतिपूर्ण तरीके से समाधान निकालने के लिए जागरूकता फैलाना था।
मलिक ने कहा, "सईद के 'विचारों की लड़ाई' और 'असंतोष के लिए जगह' के नारों का क्या हुआ। वह अपनी कुर्सी बचाने के लिए दिल्ली के दबाव में बंधे हुए हैं।"
यासीन मलिक 1990 में कश्मीर में सशस्त्र विद्रोह के अगुवा नेताओं में थे। उन्होंने कहा कि अमेरिका, ब्रिटेन और यूरोपीय संघ के कूटनीतिज्ञों और भारत के सामाजिक कार्यकर्ताओं ने उन्हें शांतिपूर्ण विरोध के लिए जगह देने का वादा किया था।
उन्होंने कहा, "मैं उनसे पूछना चाहता हूं कि अब वे कहां हैं। अब उन्होंने क्यों चुप्पी साध रखी है।"