नई दिल्ली. कांग्रेस पार्टी के नेता दिग्विजय सिंह के कश्मीर में आर्टकिल 370 पर बयान का जम्मू-कश्मीर के पूर्व सीएम फारूक अब्दुल्ला ने स्वागत किया है। उन्होंने मीडिया से बातचीत में कहा कि सवाल विश्वास का है। जम्मू कश्मीर का विलय नहीं हुआ था। जम्मू-कश्मीर भारतीय संघ से कुछ शर्तों के साथ जुड़ा था। जिनमें से एक शर्त थी आर्टिकल 370।
फारूक अब्दुल्ला ने कहा आगे कि इसपर पहले से सुप्रीम कोर्ट के दो फैसले हैं जो यह स्पष्ट करते हैं कि यह अब एक महत्वपूर्ण विषय है। दिल्ली की सत्ता में काबिज पार्टी का लंबे समय से इस विषय पर अपना अलग रुख था कि वो इसे हटाएंगे और उन्होंने जम्मू-कश्मीर राज्य के लोगों की इच्छा के विरुद्ध जाकर यह कर भी दिया।
उन्होंने कहा कि जम्मू, कश्मीर और लद्दाख तीनों ही इलाकों ने इसका विरोध किया। हम इसका विरोध करते रहेंगे। उन्होंने आगे कहा, "मैं दिग्विजय सिंह का बहुत आभारी हूं। उन्होंने लोगों की भावनाओं को समझा है। उन लोगों का भी आभारी हूं जिन्होंने इसके बारे में बात की है। मैं इसका तहे दिल से स्वागत करता हूं और उम्मीद करता हूं कि सरकार इस पर दोबारा गौर करेगी।"
बीजेपी ने सोनिया-राहुल से पूछी उनकी राय
दिग्विजय की ऑडियो सामने आने के बाद भाजपा की तरफ से कांग्रेस पर जमकर हमला बोला गया। भाजपा के नेता संबित पात्रा ने कहा कि कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह क्लब हाउस में भारत के खिलाफ बोल रहे और पाकिस्तान की हां में हां मिला रहे हैं। ये वही दिग्विजय सिंह हैं, जिन्होंने पुलवामा हमले को एक दुर्घटना बता दिया था, इन्होंने ही 26/11 के हमले को RSS की साजिश बताया था।संबित पात्रा ने कहा, "दिग्विजय जी कहते हैं कि अगर मोदी जी सत्ता से हटते हैं, कांग्रेस सरकार आती है तो वो जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 को फिर से स्थापित करेगी। यह दर्शाता है कि कांग्रेस और पाकिस्तान के विचार एक जैसे हैं। दिग्विजय सिंह ने जो आज कहा है उसके लिए पहले से स्टेज मैनेज रहा होगा। दिग्विजय जी के इस बयान पर सोनिया गांधी और राहुल गांधी क्या सोचते हैं? क्या ये कांग्रेस की राय है या नहीं है? हम चाहते हैं कि राहुल गांधी इस पर प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सच्चाई बताएं।"