नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी के कुछ गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) के प्रतिनिधियों से आज बातचीत के दौरान कहा कि जब कोरोना संकट सामने आया तो भारत में इससे होने वाले नुकसान को लेकर बड़े-बड़े विशेषज्ञ तमाम तरह की आशंकाएं प्रकट कर रहे थे, लेकिन यहां के लोगों ने इस संकट का मजबूती से मुकाबला कर उनकी तमाम आशंकाओं को निर्मूल साबित कर दिखाया। उन्होंने कोरोना महामारी के परिणाम स्वरूप देश भर में लागू किए गए लॉकडाउन के दौरान उत्तर प्रदेश और वाराणसी में किए गए विभिन्न संगठनों के सेवा भाव को ‘अभूतपूर्व’ बताया और संकट काल में लोगों तक भोजन एवं अन्य तरह की सहायता पहुंचाने के लिए सरकार के विभागों की सराहना की।
पीएम मोदी ने संबोधन की शुरूआत भोजपुरी से करते हुए कहा, "हर-हर महादेव। काशी के पुण्य धरती के आप सब पुण्यात्मा लोगन के प्रणाम हौ।" उन्होंने वीडियो कांफ्रेंसिंग से एनजीओ प्रतिनिधियों से कहा, "ये सही है कि लोग बाबा विश्वनाथ धाम नहीं जा पा रहे, ये सही है कि मानस मंदिर, दुर्गाकुंड, संकटमोचन में सावन का मेला नहीं लग पा रहा है लेकिन ये भी सही है कि इस अभूतपूर्व संकट के समय में और मेरी काशी, हमारी काशी ने, इस अभूतपूर्व संकट का डटकर मुकाबला किया है। आज का ये कार्यक्रम भी तो इसी की एक कड़ी ही है।"
पीएम मोदी ने कोविड-19 संकट का मुकाबला करने और इससे अधिक से अधिक लोगों की जान बचाने के लिए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की भी सराहना की। उन्होंने कहा, ‘‘आपने सुना होगा 100 साल पहले ऐसी ही भयानक महामारी हुई थी। तब भारत में इतनी जनसंख्या नहीं थी। कम लोग थे लेकिन उस समय इस महामारी में दुनिया में जहां सबसे अधिक लोग मारे गए, उसमें हमारा हिंदुस्तान भी था। करोड़ों लोग मर गए थे।’’
प्रधानमंत्री ने कहा कि जनता के सहयोग और उत्तर प्रदेश के लोगों के परिश्रम व पराक्रम ने सारी आशंकाओं को ध्वस्त कर दिया। उन्होंने कहा, ‘‘ब्राजील जैसे बड़े देश में, जिसकी आबादी उत्तर प्रदेश जितनी ही है, 65000 से अधिक लोगों की मृत्यु हुई जबिक हमारे उत्तर प्रदेश में 800 लोगों की मृत्यु हुई। उत्तर प्रदेश में हजारों जिंदगियां, जिनके मरने की संभावना जताई जा रही थी, उन्हें बचा लिया गया।’’
पीएम मोदी ने कहा कि आज स्थिति यह है कि उत्तर प्रदेश ने न सिर्फ संक्रमण की गति को काबू में किया है बल्कि जिन्हें कोरोना हुआ है, वो भी तेजी से ठीक हो रहे हैं। प्रधानमंत्री ने इसके लिए जनता की जागरूकता और उनके द्वारा किए गए सेवा भाव की सराहना की। उन्होंने कहा, ‘‘आप जैसे धार्मिक व सामाजिक संगठनों का सेवा भाव है, संकल्प जो आपके संस्कारों में है, जिसने इस कठिन से कठिन दौर में समाज के हर व्यक्ति को कोरोना के खिलाफ लड़ाई लड़ने की ताकत दी है। बहुत बड़ी मदद की है।’’
उन्होंने कहा कि पुरानी मान्यता है कि एक समय महादेव ने खुद मां अन्नपूर्णा से भिक्षा मांगी थी। तभी से काशी पर ये विशेष आशीर्वाद रहा है कि यहां कोई भूखा नहीं सोएगा, मां अन्नपूर्णा और बाबा विश्वनाथ, सबके खाने का इंतजाम कर देंगे।
उन्होंने कहा कि कम समय में फूड हेल्पलाइन और कम्यूनिटी किचन का व्यापक नेटवर्क तैयार करना, हेल्पलाइन विकसित करनाए डेटा साइंस की मदद लेना, वाराणसी स्मार्ट सिटी के कंट्रोल एंड कमांड सेंटर का भरपूर इस्तेमाल करना यानि हर स्तर पर सभी ने गरीबों की मदद के लिए पूरी क्षमता से काम किया।