श्रीनगर: जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने बृहस्पतिवार को कहा कि करतारपुर गलियारा भारत और पाकिस्तान के बीच ‘संबंध सुधारने’ के लिए एक ‘नई शुरुआत’ हो सकता है। उन्होंने सीमाओं को ‘अप्रासंगिक’ बनाने के लिए लोगों के आपसी संपर्क और द्विपक्षीय व्यापार को आगे बढ़ाने का आह्वान किया।
सिख धर्म के संस्थापक गुरू नानक देव ने पाकिस्तान के करतारपुर में अपना अंतिम समय बिताया था। यह प्रस्तावित गलियारा पाकिस्तान के करतारपुर से भारत में पंजाब के गुरूदासपुर जिले में स्थित डेरा नानक बाबा गुरूद्वारा को जोड़ेगा। इससे सिख समुदाय की बहुत पुरानी मांग पूरी हो गई है।
महबूबा ने ट्वीट किया, ‘‘करतारपुर दो पड़ोसियों के बीच संबंध सुधारने के लिए एक नई शुरुआत हो सकता है। हम अपनी सीमाओं को नहीं बदल सकते लेकिन व्यापार को सुविधाजनक बना कर और लोगों के आपसी संपर्क को प्रोत्साहित करके उन्हें अप्रासंगिक बना दें।’’
गलियारे के लिए बुधवार को करतारपुर में शिलान्यास समारोह हुआ। उप राष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू और पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने गुरूदासपुर में सोमवार को इसकी आधारशिला रखी।
महबूबा ने मीडिया की उन खबरों की भी आलोचना की जिनमें दावा किया गया है कि इस पहल से भारत में ‘खालिस्तान एजेंडा’ को बढ़ावा मिलने की आशंका है। उन्होंने कहा कि यह हास्यास्पद है कि कुछ टीवी चैनल करतारपुर जैसी पहल को खालिस्तान बनाने की साजिश से जोड़कर देख रहे हैं।