बेंगलुरू: कर्नाटक कैबिनेट का विस्तार कर 17 मंत्रियों के शामिल किए जाने के एक दिन बाद भी मंत्री नहीं बन पाए कई विधायकों की नाराजगी समाप्त नहीं हो रही है और मुख्यमंत्री बी एस येदियुरप्पा उन्हें मनाने का प्रयास कर रहे हैं। कैबिनेट के विस्तार के साथ ही करीब एक महीने से चला आ रहा इंतजार भी समाप्त हो गया लेकिन इससे पार्टी के एक हिस्से में कुछ नाराजगी भी पैदा हुई और कई विधायकों ने मंत्री नहीं बनने पर अपनी नाराजगी जाहिर की। येदियुरप्पा ने नाराज विधायकों, खास तौर पर हुक्केरी से आठ बार के विधायक उमेश कट्टी से संपर्क करने की कोशिश की।
येदियुरप्पा ने तुमकुरु में संवाददाताओं से कहा, ‘‘मैंने कल एक घंटे बासवराज बोम्मई (मंत्री) की उपस्थिति में उनसे (कट्टी) से बात की। वह अवसर नहीं मिलने पर स्वाभाविक रूप से दुखी हैं। मैं इसका समाधान खोजने की कोशिश करूंगा।’होन्नाली विधायक एम पी रेणुकाचार्य द्वारा जतायी गयी नाराजगी पर उन्होंने कहा कि वह रेणुकाचार्य और दोस्तों से बातचीत करेंगे। रेणुकाचार्य कई मौजूदा विधायकों की अनदेखी करते हुए पूर्व विधायक लक्ष्मण सावदी का मंत्री बनाए जाने से नाराज बताए जाते हैं। लक्ष्मण किसी भी सदन के सदस्य नहीं हैं।
उधर कट्टी ने कहा कि वह असंतुष्ट नहीं है और कोई अन्य असंतुष्ट विधायक उसके साथ नहीं है। उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि वह येदियुरप्पा से मिले और वह पार्टी के आंतरिक मामलों को मीडिया में प्रकट नहीं कर सकते। उन्होंने कहा, ‘‘मैं उनसे मिला, वह मेरे नेता हैं। मैंने उनसे पूछा कि मुझे मंत्री क्यों नहीं बनाया गया। उन्होंने कहा जो उन्हें कहना था। मैंने उन्हें कहा जो मुझे कहना था। मैं नाराज नहीं हूं। मैं भाजपा का एक जिम्मेदार विधायक हूं।’’ रेणुकाचार्य ने कहा कि उन्होंने कभी भी मंत्री पद के लिए लॉबिंग नहीं की, लेकिन उन्हें दुख उन लोगों के कारण है जो चुनाव हारने के बाद भी मंत्री बनाए गए। उन्होंने कहा, ‘‘मेरी नाराजगी येदियुरप्पा या भाजपा को लेकर नहीं है। मेरी नाराजगी इस वजह से है कि जो लोग चुनाव हार गए हैं, वे भी मंत्री बन गए हैं।’’