कर्नाटक में येदियुरप्पा के नेतृत्व में भाजपा सरकार द्वारा बहुमत हासिल करने के बाद भी कर्नाटक में राजनीतिक उथलपुथल का दौर खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। येदियुरप्पा के बहुमत हासिल करने के तुरंत बात विधानसभा के अध्यक्ष केआर रमेश ने भी अपना इस्तीफा दे दिया है।
स्पीकर केआर रमेश पिछले एक महीने से विवादों में थे। रमेश ने पूरे कर्नाटक के नाटक में अहम भूमिका अदा की थी। उन्होंने हाल ही में सभी बागी विधायकों को अयोग्य घोषित कर दिया था। इससे पहले उन्होंने बागी विधायकों के इस्तीफो मंजूर न कर सभी को सकते में डाल दिया था।
अध्यक्ष ने कहा, “मैंने इस पद से खुद को अलग करने का फैसला किया है। मैंने इस्तीफा देने का फैसला लिया है।” उन्होंने उपाध्यक्ष कृष्ण रेड्डी को अपना त्यागपत्र सौंपा। कुमार ने कहा कि अध्यक्ष के तौर पर अपने 14 माह के कार्यकाल में उन्होंने अपने “विवेक” के अनुरूप और संविधान के मुताबिक काम किया। उन्होंने कहा, “मैंने अपनी क्षमता के अनुरूप अपने पद की गरिमा बरकरार रखने का प्रयास किया।”
अध्यक्ष ने यह कदम येदियुरप्पा की ओर से पेश विश्वास प्रस्ताव पर जीत हासिल करने और सदन द्वारा विनियोग विधेयक पारित करने के फौरन बाद उठाया। इससे एक दिन पहले उन्होंने 14 और बागी विधायकों को अयोग्य ठहराया था जबकि तीन को पहले अयोग्य ठहराया गया था।