कर्नाटक: कर्नाटक की बी. एस. येदियुरप्पा सरकार के खिलाफ लाया गया विपक्ष का अविश्वास प्रस्ताव ध्वनिमत से गिर गया है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, येदियुरप्पा सरकार ने विश्वासमत जीत लिया और मुख्यमंत्री की कुर्सी को फिलहाल कोई खतरा नहीं है। इससे पहले बीजेपी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव (No confidence motion) पर चर्चा के दौरान वह विपक्ष के नेता सिद्धरमैया के खिलाफ बिफर गए थे। दरअसल, सिद्धारमैया ने येदियुरप्पा के बेटे विजयेंद्र पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे।
इससे पहले कर्नाटक विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष सिद्दारमैया शनिवार को अध्यक्ष विश्वेश्वर हेगड़े कागेरी के इस सुझाव पर सहमत हो गए कि अविश्वास प्रस्ताव पर फैसला ध्वनिमत के जरिए हो। कांग्रेस नेता सिद्दारमैया ने दो दिन पहले अविश्वास प्रस्ताव लाया था। सदन के चल रहे सत्र में विधानसभा अध्यक्ष कागेरी ने कहा कि वह कोविड-19 मरीजों को मतदान में भाग लेने की अनुमति नहीं देंगे। उन्होंने कहा, ‘मैं पूरी तरफ इसके खिलाफ हूं। मैं किसी कीमत पर इसकी अनुमति नहीं दे सकता। जरूरत यह है कि सत्ताधारी और विपक्षी पार्टियां, दोनों इसका समर्थन करें। अगर हम ध्वनिमत के लिए सहमत नहीं होंगे तो कोविड मरीजों को मतदान के लिए कहना अमानवीय होगा।’
इस मौके पर सिद्दारमैया ने हस्तक्षेप करते हुए कहा कि वह खुद कोविड का इलाज करा रहे हैं और वह भी इस कोविड मरीज विधायकों से मतदान कराए जाने के पक्ष में नहीं हैं। उन्होंने कहा, ‘इसलिए मैंने स्पीकर का सुझाव मान लेने का फैसला किया है। हम अमानव न बनें, ध्वनिमत को अपनाएं।’ 225 सदस्यीय विधानसभा में येदियुरप्पा के नेतृत्व वाली सत्ताधारी पार्टी बीजेपी के पास स्पीकर सहित 166 विधायक हैं, जबकि कांग्रेस के पास 67 और जद (एस) के 33 सदस्य हैं। सदन में चार सीटें रिक्त हैं, मनोनित और बसपा के एक-एकव दो निर्दलीय सदस्य हैं।